कांग्रेस विधायक भाकर को मार्शल से बाहर निकलवाने के आदेश पर विधानसभा में बरपा हंगामा, स्पीकर हुए नाराज

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को स्पीकर वासुदेव देवनानी की ओर उंगली दिखाने और नोंकझोंक के बाद बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इस मुददे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विधायक भाकर के बात करने के तरीके से स्पीकर देवनानी नाराज हो गए और उनके निलम्बन का आदेश दिया। बात यहीं नहीं थमी, सदन की कार्रवाई पुन: शुरू होने पर स्पीकर की सीट पर आसीन संदीप शर्मा ने मार्शल को बुलाकर निलंबित सदस्य भाकर को सदन से बाहर निकालने के आदेश दिए। मार्शल की कार्रवाई से सदन में मौजूद कांग्रेस के अन्य विधायक आक्रोशित हो गए तथा मार्शल से भिड़ गए। इस हंगामे में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा नीचे गिर गए और महिला विधायक अनीता जाटव की चूड़ियां टूट गई।

आसन से नोंकझोंक होने पर लाए निलम्बन का प्रस्ताव 

आसन से नोंकझोंक होने पर मुख्य सचेतक की ओर से विधायक भाकर के खिलाफ निलंबित करने का प्रस्ताव लाया गया और सभापति ने उन्हें सत्र के शेष दिनों के लिए निलम्बित कर दिया। स्पीकर ने मार्शल को भाकर को बाहर निकालने के निर्देश दिए। इस पर मुकेश भाकर समेत विपक्ष के सभी विधायक सदन के वेल में आ गए और भाकर को बचाने के लिए घेरा बना लिया। इस पर सभापति ने सदन की कार्रवाई स्थगित करने की घोषणा की। सदन स्थगित होने के बाद मार्शल के प्रतिनिधि सदन के दरवाजे पर खड़े रहे।

विपक्ष के सदस्य सदन में ही बैठे धरने पर 

सदन में हंगामे के चलते सभापति संदीप शर्मा ने सदन की कार्रवाई मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में विपक्ष के सदस्य सदन में धरने पर बैठ गए। विपक्षी विधायकों की मांग मुकेश भाकर का निलंबन बहाल किए जाने की है। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता बनाए जाने के मामले में सरकार सदन में जवाब दे।

विधानसभा में इसलिए हुआ हंगामा 

सोमवार को भोजनावकाश के बाद सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता की नियुक्ति का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब दिलवाने की मांग की। इस पर हंगामा हुआ तो स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को बजट सत्र की बैठकों से निलंबित कर दिया। इस पर हंगामा बढ़ गया और सदन की कार्रवाई एक घंटे तक बाधित रही। जब वापस कार्यवाही शुरू हुई तो मुकेश भाकर को सदन से बाहर निकालने के लिए आसन पर मौजूद सभापति संदीप शर्मा ने मार्शल बुला लिए। इसके बाद मार्शल संजय चौधरी खुद पहुंचे और अपने प्रतिनिधियों को हटाया। मार्शल बुलाए जाने से नाराज कांग्रेस विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि मुकेश भाकर का निलंबन खत्म होने और मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता बनाए जाने पर सरकार के जवाब की व्यवस्था तक सदन में उनका धरना जारी रहेगा।

रात को भी सदन में जारी रहेगा विपक्ष का धरना

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार के सामने संवैधानिक संकट है। सरकार ने पीपी और एपीपी की नियुक्ति सीआरपीसी के तहत की है और भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद यह नियुक्तियां शून्य हो जाती है। विपक्ष ने स्पीकर से इस पर सरकार का जवाब दिलाने को कहा। सरकार इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के लोग विपक्ष को उकसाते हैं, जिससे गतिरोध उत्पन्न होता है। उन्होंने मुकेश भाकर के निलंबन को निंदनीय बताया। विपक्ष का सदन में धरना रात को भी जारी रहेगा।

सरकार ने यह दिया तर्क

विधि एवं कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष की ओर से बिना नियमों में आए विषय उठाने का प्रयास किया गया। सरकारी अधिवक्ता नियुक्त करने की प्रक्रिया पुराने कानून में शुरू हो चुकी थी और कई जगह प्रक्रिया पूरी भी हो चुकी है। इस बात को अनावश्यक रूप से मुद्दा बनाकर सदन में व्यवधान किया है। एक सदस्य ने आक्रामक रूप से आसन की ओर बढ़ने का प्रयास किया। इसलिए उन्हें निलंबित किया गया। मंत्री के बेटे की नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि लिखित जो दिया गया है, उसमें इसका कोई जिक्र नहीं है। वह नियुक्ति एक प्रक्रिया के तहत सात महीने पहले हुई थी।

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