मनीष मिश्रा, खैरथल।
राज्य सरकार द्वारा परंपरागत खेती को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत बैलों से खेती करने वाले किसानों को ₹30,000 की प्रोत्साहन राशि कृषि विभाग के माध्यम से दी जाएगी।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (विस्तार) विजय सिंह ने जानकारी दी कि सरकार का उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत वे किसान पात्र होंगे, जो बैलों से खेत जोतने का कार्य कर रहे हैं।
पात्रता और प्रक्रिया:
योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत बैलों की जोड़ी का बीमा कराया हो।
चयनित किसानों को विभाग सीधे उनके बैंक खाते में ₹30,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगा।
किसान “राज किसान पोर्टल” पर घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
वर्तमान में जिले में ऐसे पारंपरिक किसानों का सर्वेक्षण किया जा रहा है जो अभी भी बैलों से खेती कर रहे हैं।
जिले में नहीं मिल रहे बैलों से खेती करने वाले किसान
हालांकि योजना को लेकर उत्साह तो है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिले में बैलों से खेती करने वाले किसान मिलना मुश्किल हो रहे हैं। आधुनिक कृषि यंत्रों की ओर बढ़ते रुझान के चलते परंपरागत खेती धीरे-धीरे कम होती जा रही है।
कृषि विभाग अब ऐसे किसानों की पहचान कर प्रेरणा और संरक्षण देने की दिशा में प्रयास कर रहा है ताकि प्राकृतिक और टिकाऊ खेती की ओर पुनः रुचि बढ़ाई जा सके।