इंडिया अंडर 19 के खिलाड़ियों के साथ एनसीए के विशेष प्रशिक्षण शिविर में अलवर का पृथ्वी करेगा तैयारी, 10 दिन खेलेगा साथ, पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल देख चुके गेंदबाजी  

अलवर. अलवर जिले का क्रिकेटर पृथ्वीसिंह 10 दिनों तक एनसीए के विशेष प्रशिक्षण शिविर में अंतरराष्टीय क्रिकेटरों के साथ गेंदबाजी के गुर सीखेगा। भारतीय अंडर— 19 में पृथ्वीसिंह देश के दिग्गज कोचों से अपनी गुगली गेंदों को और धार देंगे। पूर्व अंतरराष्टीय क्रिकेटर एवं चयनकर्ता संदीप पाटिल भी इस राइट आर्म लेग ​स्पिनर की गेंदों को देखकर प्रभावित हो चुके हैं। पृथ्वीसिंह 2 जून से बेंगलुरु में भारत की अंडर-19 टीम के शुरु हुए नेशनल क्रिकेट एकेडमी प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहा है। एनसीए के कैम्प में राजस्थान से चयनित होने वाले पृथ्वी इकलौते क्रिकेटर हैं।

अलवर शहर के पटेल नगर निवासी 17 वर्षीय पृथ्वी सिंह भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के अभ्यास सत्र में स्थान बनाने में सफल रहे हैं। वे एनसीए प्रशिक्षण कैंप के लिए चयनित होने वाले राजस्थान से इकलौते क्रिकेटर हैं। राइट आर्म लेग स्पिनर पृथ्वी को एनसीए प्रशिक्षण केन्द्र में शामिल होने का यह मौका तब मिला जब पूर्व क्रिकेटर और राष्टीय चयनकर्ता संदीप पाटिल ने पिछले महीने अलवर दौरे पर उन्हें शालीमार क्रिकेट एकेडमी में गुगली फेंकते हुए देखा। पृथ्वी को गेंद फेंकते हुए देखकर संदीप पाटिल ने कहा कि उन्हें पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले की याद ताजा कर दी। दिग्गज क्रिकेटर संदीप पाटिल पिछले दिनों अलवर के एक निजी कॉलेज में तीन दिवसीय क्रिकेट कैंप में शामिल होने अलवर आए थे। इस कैम्प में प्रदेशभर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन किया गया था। राजस्थान से चुने गए इकलौते खिलाड़ी पृथ्वी सिंह 2 जून से शुरु हुए नेशनल क्रिकेट एकेडमी बेंगलुरु में भारत की अंडर-19 टीम के साथ 10 दिन तक अभ्यास करेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर में पृथ्वी के कोच प्रतीक प्रधान को भी आमंत्रित किया गया है। प्रतीक को भी इस प्रशिक्षण शिविर में अन्य कोच के साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोच प्रतीक शर्मा ने बताया कि पृथ्वी पिछले पांच वर्षों से क्रिकेट में अच्छी मेहनत कर रहा है और उसकी गुगली सबसे प्रभावशाली हथियार रही है।
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पृथ्वी ने बताया कि उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं, उन्हें एनसीए प्रशिक्षण शिविर में शा​मिल होने का यह मौका उनके संघर्ष और कोच की मेहनत का परिणाम है। वे इस इस उपलब्धि का श्रेय अपने कोच को देते हैं।

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