राज्यपाल सम्मानित शिक्षक दिनेश चंद सैनी ने 18वीं बार किया रक्तदान, गर्भवती महिला की बचाई जान

Playing a leading role in both social service and education sectors
Playing a leading role in both social service and education sectors

समाजसेवा और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में निभा रहे अग्रणी भूमिका

राजगढ़। राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक दिनेश चंद सैनी ने रक्तदान महादान की भावना को चरितार्थ करते हुए 18वीं बार रक्तदान कर एक गर्भवती महिला की जान बचाने का सराहनीय कार्य किया है। यह उदाहरण न केवल मानवता की मिसाल है, बल्कि शिक्षकों की समाज सेवा में भूमिका को भी दर्शाता है।

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बडला (राजगढ़) में कार्यरत शिक्षक दिनेश चंद सैनी को राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय, अलवर से एक कॉल आया जिसमें गर्भवती महिला अनीता को रक्त की आवश्यकता थी। बिना देर किए वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और रक्तदान कर महिला की जान बचाई।

समाजसेवा में लगातार सक्रिय

यह पहला मौका नहीं था जब सैनी ने ऐसा कार्य किया हो। इससे पहले वे 17 बार इमरजेंसी परिस्थितियों में जरूरतमंदों को रक्तदान कर चुके हैं। वे “नई सोच नई किरण” नामक एक रक्तदानी संगठन का संचालन भी करते हैं, जो 800 से अधिक सक्रिय सदस्यों के माध्यम से जरूरतमंदों को समय पर एसडीपी और रक्तदान सेवा उपलब्ध करवाता है।

शिक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिए सम्मानित

सैनी को गत वर्ष राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधि आधारित शिक्षण, खेल-खेल में शिक्षा, तथा नवाचारों के सफल प्रयोग के लिए मिला। वे बच्चों को नई तकनीकों के माध्यम से शिक्षण देने में विश्वास रखते हैं और सतत नवाचार करते रहते हैं।

एक प्रेरणादायी उदाहरण

दिनेश चंद सैनी की यह पहल न केवल शिक्षकों, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे यह साबित करते हैं कि शिक्षक केवल विद्यालय तक सीमित नहीं होते, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए रक्षक और प्रेरक भी बन सकते हैं।

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