जयपुर।
राज्य के कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज और उर्वरक उपलब्ध कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
डॉ. मीणा शासन सचिवालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अमानक बीजों और उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर गुण नियंत्रण अभियान चलाए जा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान अनियमितता मिलने पर संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कठोर कार्यवाही की जा रही है।
कॉल सेंटर और जनसमस्या समाधान के निर्देश
बैठक में कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि कृषि विभाग से संबंधित जन शिकायतों के शीघ्र निस्तारण हेतु पृथक कॉल सेंटर स्थापित किया जाए, जिससे किसानों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान हो सके।
अमानक बीजों से बचाव जरूरी
डॉ. मीणा ने कहा कि अमानक बीज दिखने में असली जैसे लगते हैं, लेकिन उनकी अंकुरण दर बेहद कम होती है जिससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि:
केवल पंजीकृत विक्रेताओं और सरकारी बीज निगमों से ही बीज खरीदें।
बीज खरीदते समय सर्टिफिकेशन तिथि, अंकुरण दर, वैधता और लाइसेंस नंबर अवश्य जांचें।
बुवाई से पूर्व 100 बीजों का अंकुरण परीक्षण अवश्य करें।
जागरूकता और सूचना की अपील
कृषि मंत्री ने किसानों से पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, कृषि विज्ञान केंद्रों और ई-पोर्टलों जैसे ई-नाम, आई-कृषि पोर्टल और बीज निगरानी प्रणाली से जुड़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यदि किसी को अमानक बीज बेचने की जानकारी मिलती है तो तुरंत कृषि विभाग या पुलिस को सूचित करें। किसानों को लॉट वाईज़ बिल लेना अनिवार्य बताया ताकि शिकायत की स्थिति में कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।
सजग किसान ही हैं सुरक्षित किसान
अंत में डॉ. मीणा ने अपील की कि किसान सजग रहें, प्रमाणित बीज ही खरीदें और सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। जागरूक और सतर्क किसान ही कृषि धोखाधड़ी से सुरक्षित रह सकते हैं।