टोंक के पास बनास नदी में बड़ा हादसा: जयपुर के 8 युवकों की डूबने से मौत, 3 को बचाया गया

टोंक। राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार को एक हृदयविदारक हादसे में जयपुर से आए 8 युवकों की बनास नदी में डूबने से मौत हो गई, जबकि 3 युवकों को स्थानीय गोताखोरों और बचाव दल की मदद से सुरक्षित बचा लिया गया। हादसा दोपहर करीब 2 बजे हुआ जब सभी युवक गर्मी से राहत पाने के लिए नदी में नहा रहे थे।

खुशनुमा पलों की तलाश में जीवन खो बैठे

ये सभी युवक जयपुर से टोंक घूमने और नदी किनारे कुछ सुकून के पल बिताने आए थे। लेकिन बनास की लहरें उनके लिए काल बन गईं। मृतकों के शवों को सआदत अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है, जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर शव के साथ एक अधूरा सपना, एक टूटता परिवार और बिखरती उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।

तीन युवक अब भी लापता, राहत कार्य जारी

तीन युवक अब भी लापता हैं। गोताखोरों और SDRF की टीम लगातार उनकी तलाश में जुटी है। नदी के किनारे डटे परिजन हर लहर के साथ उम्मीद और डर के बीच झूल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक विकास सागवान और एएसपी बृजेंद्र भाटी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

हादसा या लापरवाही – सवाल अहम हैं

यह हादसा कई सवाल छोड़ गया है जिनका जवाब अब पूरे समाज और प्रशासन को ढूंढना होगा:

  • क्या नदी जैसे जोखिमपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा उपाय पर्याप्त हैं?

  • क्या चेतावनी बोर्ड, लाइफगार्ड्स और बैरिकेड्स जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं उपलब्ध थीं?

  • युवाओं को जलस्रोतों में नहाने के जोखिमों के प्रति जागरूक क्यों नहीं किया जाता?

  • क्या स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील घाटों पर कोई पुख्ता निगरानी प्रणाली बनाई है?

भीड़ नहीं, संवेदनाएं उमड़ीं

सआदत अस्पताल में न सिर्फ़ मृतकों के परिजन, बल्कि आम लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे। यह महज़ भीड़ नहीं थी, बल्कि एक सामूहिक संवेदना का दृश्य था – जो इस त्रासदी में अपनों को खो चुके परिवारों के साथ खड़ा था।

क्या यह हादसा हमें कोई सबक देगा?

सबसे बड़ा सवाल यह है – क्या इन 8 युवा जिंदगियों की मौत से हम कुछ सीखेंगे? या यह भी कुछ दिनों में अखबार की सुर्खियों और सोशल मीडिया की पोस्ट बनकर भुला दी जाएगी?

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