अलवर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विभाजन विभिषिका दिवस को लेकर कहा कि इसका उद्देश्य केवल विभाजन करना है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को नसीहत देते हुए कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की चेष्टा करने वाले अपने सामने दर्पण रखें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश के शासक विभाजनकारी सोच को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मंशा केवल नफरत और घृणा फैलाने की है।
भाजपा और आरएसएस पर किया कटाक्ष
नेता प्रतिपक्ष जूली ने भाजपा और आरएसएस पर कटाक्ष कर कहा कि क्रांतिवीरों के दिखाए मार्ग पर चलने के बजाय ये अपने विचारों को थोप कर देश में भाईचारा खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में अपनी उंगली का नाखून तक जिन्होंने नहीं कटाया, वे अब बलिदान का कोरा ढिंढोरा पीट रहे हैं। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति फैलाकर देश में अराजकता का माहौल पनपाया जा रहा है। ब्रिटिश हुकूमत जैसी फूट डालो राज करो की नीति को बढ़ावा देकर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
पीएम मोदी पर भी लगाए आरोप
टीकाराम जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले से संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का अपमान कर रहे है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में जिन सुधारों के पैरोकार थे, उनका आरएसएस और भारतीय जनसंघ ने विरोध किया था। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश में सांप्रदायिक नागरिक संहिता है, साथ ही उन्होंने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की पैरवी भी की। यह संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान है।
ओछी राजनीति करने का लगाया आरोप
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में पांचवी पंक्ति में बैठाने को भी नेता प्रतिपक्ष जूली ने केंद्र सरकार की संकीर्ण मानसिकता और ओछी राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं को दरकिनार कर स्वतंत्रता दिवस पर नेता प्रतिपक्ष का अपमान किया गया।