नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई एक वकील की बात पर नाराज हो गए और कहा कि आप एक दिन के लिए यहां आकर क्यों नहीं बैठते और कोर्ट मास्टर को बता देते कि आपको कौन सी तारीख चाहिए।
शिवसेना के विधायकों को अयोग्य करार देने से जुड़े मामले में जल्द सुनवाई के लिए एक वकील के कई बार आग्रह करने से नाराज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने उनसे कहा कि एक दिन के लिए यहां बैठिए। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप अपनी जान छुड़ाकर भागेंगे। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ महाराष्ट्र के राजनीतिक विवादों से जुड़ी दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की तारीखें तय कर रही थी।
विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को दी चुनौती
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली राजनीतिक दल घोषित किया गया है। दूसरी याचिका राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट की ओर से दायर की गई है जिसमें नार्वेकर के फैसले को चुनौती दी गई है। जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा घोषित किया गया था। पिछले दिनों शीर्ष अदालत ने शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों को नोटिस जारी किया था। प्रारंभ में प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि शिवसेना के मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं।
जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय
राकांपा से सम्बन्धित विवाद मामले को सूचीबद्ध करते समय पीठ ने अजित पवार गुट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता एन. के. कौल की शरद पवार समूह की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिए जाने की दलील पर गौर करने की बात कही। शीर्ष अदालत ने अंततः अजित पवार गुट और उसके 40 विधायकों को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया तथा कहा कि इसके बाद याचिका पर सुनवाई की जाएगी। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए एक वकील ने नजदीक की तारीख देने का आग्रह किया।
सीजेआई ने वकील को इस तरह बताई कोर्ट की व्यस्तता
शिवसेना उद्वव गुट के वकील ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव करीब है और मामले को जल्द सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। वकील ने कहा कि दस्तावेजों का संकलन दो-तीन दिनों में तैयार किया जा सकता है। इस पर सीजेआई ने कहा कि कृपया न्यायालय को आदेश न दें। उन्होंने कहा कि आप एक दिन के लिए यहां आकर क्यों नहीं बैठते और कोर्ट मास्टर को बता देते कि आपको कौन सी तारीख चाहिए। आप देख सकते हैं कि न्यायालय पर काम का कितना बोझ है। कृपया एक दिन के लिए यहां आकर बैठिए। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप अपनी जान छुड़ाकर भागेंगे।