अलवर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 18वीं लोकसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित कर सरकार की कामयाबियों को रेखांकित कर, पेपर लीक, आपातकाल, किसान, आगामी बजट, पूर्वोत्तर के विकास जैसे मु्द्दों पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने पेपर लीक की घटनाओं पर कहा कि किसी भी कारण से परीक्षा में बाधा आना उचित नहीं है।सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता को जरूरी बताया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार का आगामी 5 सालों का रोडमैप संसद के समक्ष रखा। अभिभाषण में आपातकाल का भी जिक्र कर कहा कि संविधान पर अनेक बार हमले हुए। आपातकाल के दौरान देश में हाहाकार मच गया था। उन्होंने सशक्त भारत के लिए सेनाओं में आधुनिकता को जरूरी बताया। युद्ध की स्थिति उत्पन्न होने पर देश की सेना सर्वश्रेष्ठ साबित हो, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया लगातार चलाने की जरूरत है। केन्द्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सेना के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यही कारण है कि एक दशक में भारत का रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अभिभाषण के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि में किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि का डिजिटल भुगतान किया है। एनडीए सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत में ही अब तक 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। वर्तमान में दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, देश का किसान इस मांग को पूरा करने में सक्षम है।
पेपर लीक घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार प्रतिबद्ध
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का जिक्र कर कहा कि पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों कड़ी सजा दिलाने के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध है। हालांकि पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। इसलिए इस मामले पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर ठोस उपाय करने की जरूरत है।
सरकार पर लोगों ने तीसरी बार भरोसा जताया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छह दशक बाद देश में पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने एनडीए सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है। 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक है। इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ है। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56 वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी। आगामी सत्र में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। इसमें बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे।
विश्व का सबसे बड़ा चुनाव
राष्ट्रपति ने कहा 18 वीं लोकसभा का चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था, इसमें करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह के साथ भागीदारी निभाई। महिलाओं ने भी इस बार बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया। इस चुनाव की सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।