किशनगढ़ बास। सिंधी पंचायत एवं भारतीय सिंधु सभा के तत्वावधान में आयोजित 11 दिवसीय सिंधी बाल संस्कार शिविर के अंतर्गत मातृशक्ति सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूज्य सिंधी पंचायत के मुखी गोकुलदास मृगवानी, पूज्य बहराणा मंडल के बाबा बाबूलाल चंदनानी एवं पूर्व पार्षद ज्योति बतरा उपस्थित रहीं।
सम्मेलन की शुरुआत सभी अतिथियों के पारंपरिक स्वागत से हुई, जिसमें भारतीय सिंधु सभा के सदस्यों ने उन्हें दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया।
सिंधी समाज के प्रवक्ता सुनील बतरा ने बताया कि मातृशक्ति सम्मेलन का उद्देश्य माताओं के माध्यम से बच्चों में सिंधी भाषा, संस्कृति और धार्मिक आस्था के प्रति जागरूकता लाना है। साथ ही यह चर्चा भी हुई कि बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे दूर रखा जाए, फास्ट फूड की बजाय सिंधी व्यंजनों की ओर रुझान कैसे बढ़े और घर में बड़ों का आदर-सम्मान कैसे सिखाया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि “मां ही बच्चे की पहली गुरू होती है, और जो संस्कार वह देती है, वही जीवनभर उसकी सोच और आचरण का आधार बनते हैं।”
इस अवसर पर शिविर में शिक्षण व सेवा दे रहे प्रमुख शिक्षकों में
सुभाष चंद्र दासवानी, विक्की बत्रा, रुचि हरवानी, शारदा बत्रा, जागृति आडवानी, हिमांशी मंघनानी, आशु हरवानी और हिमानी धिंगाणी मौजूद रहीं।
साथ ही पूज्य सिंधी पंचायत और भारतीय सिंधु सभा के गणमान्य सदस्यों — तीरथ दास बतरा, अध्यक्ष प्रभु दयाल चंदनानी, चतुर्भुज बजाज, नेवंद मल, लक्ष्मण दास मंगलानी, बंटी हरवानी, नरेश मंघनानी, मुरलीधर बच्चानी, संजय बजाज, गुलशन धारी, हीरु हरवानी, विनोद बच्चानी, सुनील वलेचा, अक्षय बजाज, हिमांशु बतरा, भरत सहित अनेक समाजबंधु उपस्थित रहे।