मोदी सरकार ने 77 साल बाद देश को क्या तोहफा दिया, आपराधिक न्याय प्रणाली को स्वदेशी कर दिया

 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आजादी के 77 साल बाद देशवासियों को खास तोहफा दिया है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह स्वदेशी बना दिया।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि अब भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली स्वदेशी हो रही है। देश में 75 साल बाद अंग्रेजों के समय से चल रहे कानूनों पर विचार किया गया और अब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को कार्यरूप में लाया जा रहा है।

पीड़ितों को​ मिलेगा त्वरित न्याय

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाहर ने कहा कि अब दंड की जगह न्याय मिलेगा। नए कानूनों से स्पीड से ट्रायल होगा और पीड़ित को त्वरित न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों के तहत पहले केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब नए कानूनों के तहत पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा होगी। उन्होंने कहा कि देश में लागू हुए ये तीनों कानून सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेंगे।

राजद्रोह को जड़ से समाप्त किया

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार हुआ है। अब नए कानून लागू होने के बाद अंग्रेजों के बनाए हुए कानून खत्म हो गए हैं। ये भारत की संसद के बनाए हुए कानून है। अब पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा का काम होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में अब भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है। देश में अब आइपीसी की जगह बीएनएस लागू हुआ है। अब नाबालिग से रेप करने पर आरोपी को मौत की सजा मिल सकेगी। देश विरोधी गतिविधियों के लिए कानून बनाए गए हैं। नए कानूनों में मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है। इससे देश में आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन होगा और राजद्रोह को जड़ से समाप्त कर दिया गया है।

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