डीआरडीओ को सात नई परियोजनाएं निजी क्षेत्र को सौंपने से कैसे होगा विकास

नई दिल्ली। देश के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन डीआरडीओ ने प्रमुख सैन्य परिसंपत्तियों के विकास के लिए निजी संस्थाओं को सात नई परियोजनाएं सौंपी हैं। इनमें पानी के अंदर प्रक्षेपित किए जाने वाले मानव रहित वाहन और लंबी दूरी की दूर से संचालित प्रणालियों सहित कुछ अन्य प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।

रक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी विकास फंड योजना के तहत घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सात नई परियोजनाएं निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय किया है। अधिकारियों ने बताया कि पानी के नीचे से प्रक्षेपित किए जाने वाले मानवरहित यान की परियोजना का लक्ष्य बहुमुखी समुद्री रणक्षेत्र सहायक उपकरणों का विकास करना है, जिन्हें विभिन्न लड़ाकू भूमिकाओं में तैनात किया जा सके ।

पुणे की निजी कम्पनी सौंपी परियोजनाएं

डीआरडीओ की ओर से नई परियोजनाओं को निजी क्षेत्र में सौंपने का मकसद जासूसी, निगरानी और टोह लेना एवं समुद्री क्षेत्र को लेकर जागरूकता कायम रखना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह परियोजना पुणे के सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई हैं।अन्य परियोजनाओं में विमानों के लिए आइस डिटेक्शन सेंसर का विकास, रडार सिग्नल प्रोसेसर का विनिर्माण, पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने और उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए लंबी दूरी से संचालित वाहनों का निर्माण शामिल है।

कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का संचालन निजी क्षेत्र के जिम्मे

मंत्रालय ने कहा कि लंबी दूरी से संचालित वाहन दोहरे उपयोग वाली प्रणालियां होंगी, जो पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने, वर्गीकरण करने, स्थान निर्धारण करने और उन्हें नेस्तनाबूद करने में सक्षम होंगी, जबकि प्रमुख परिसंपत्तियों को संदिग्ध परिचालन क्षेत्र से दूर रखेंगी। यह परियोजना स्टार्ट-अप आईआरओवी टेक्नॉलोजीज प्राइवेट लिमिटेड कोच्चि को सौंपी गई हैं। इसी तरह कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजना निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंपी गई हैं। डीआरडीओ ने बयान में कहा कि इन प्रौद्योगिकी का स्वदेशी विकास सैन्य औद्योगिक परितंत्र को मजबूत करेगा।

 

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