🌿 विशेष लेख श्रृंखला | योग दिवस 2025

“करो योग, रहो निरोग”
✍️ डॉ. पवन सिंह शेखावत
वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, अलवर
🧘♂️ योग क्या है?
योग केवल आसनों या व्यायाम तक सीमित नहीं है, यह एक समग्र जीवन पद्धति है। यह मन, शरीर और आत्मा में समरसता और संतुलन लाता है। ‘योग’ शब्द संस्कृत की धातु ‘युज’ से बना है, जिसका अर्थ है जुड़ना। यह जुड़ाव व्यक्तिगत चेतना और सार्वभौमिक चेतना के बीच संतुलन को दर्शाता है।
योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक शुद्धता का मार्ग भी है। योग के अभ्यास में आसन, प्राणायाम, मुद्राएँ, ध्यान और आत्म-अनुशासन शामिल हैं।
✅ योग के लाभ
मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन
शारीरिक लचीलापन व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
तंत्रिका और अंतःस्रावी ग्रंथियों में संतुलन
आत्म-चेतना और ध्यान की वृद्धि
आधुनिक विज्ञान भी अब योग को एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता दे चुका है, जो तन, मन और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
🕉️ योग के चार प्रमुख मार्ग
1. राज योग (ध्यान का मार्ग)
पतंजलि द्वारा रचित अष्टांग योग पर आधारित, यह योग मानसिक अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास है। इसके आठ अंग हैं:
यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
2. कर्म योग (निःस्वार्थ सेवा का मार्ग)
इस योग में कार्य करते हुए फल की आकांक्षा से मुक्त रहना सिखाया जाता है। निःस्वार्थ सेवा और कर्तव्य पालन ही इसका मूल मंत्र है।
3. भक्ति योग (भक्ति और समर्पण का मार्ग)
यह योग मार्ग ईश्वर प्रेम, भजन, पूजा और भावना के माध्यम से आत्मा को शुद्ध करता है। यह सहिष्णुता और करुणा को जन्म देता है।
4. ज्ञान योग (बुद्धि और आत्म विवेचना का मार्ग)
यह सबसे कठिन लेकिन सच्चा मार्ग है। इसमें स्वाध्याय, तत्व चिंतन, और वेदांत दर्शन के माध्यम से आत्म-ज्ञान प्राप्त किया जाता है।
🔔 निष्कर्ष
योग कोई एक दिन मनाने की चीज नहीं, बल्कि यह दैनिक जीवन की आवश्यकता है। 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाकर हम केवल इसे स्मरण नहीं करते, बल्कि यह संकल्प लेते हैं कि हम योग को जीवनशैली में शामिल करें — शरीर, मन और आत्मा के समग्र स्वास्थ्य के लिए।
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