आखिर SP अभिषेक यादव ने क्यों की इतनी बड़ी कार्रवाई

पीलीभीत। घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ के मामले में कार्रवाई न होने पर पीड़िता द्वारा मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह के प्रयास का मामला तूल पकड़ रहा है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने आरोपित एसओजी प्रभारी समेत पूरी टीम को लाइन हाजिर कर दिया है। इस एक्शन से महकमे में खलबली मच गई है। वहीं पुलिस उपमहानिरीक्षक बरेली ने इस मामले की जांच गैरजनपद के पुलिस अधिकारी को सौंपी है। जिससे आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होेने की संभावना जताई जा रही है।

घर में घुसी थी एसओजी टीम
हजारा थाना क्षेत्र के गांव की निवासी महिला ने बताया कि विगत 23 अप्रैल रात वह अपनी बहन के साथ अपने झाले में सो रही थी। तभी रात लगभग डेढ़ बजे एसओजी प्रभारी एक सिपाही के अलावा अन्य साथियों संग घर में घुस आए। आरोप है कि एसओजी टीम ने महिला के साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर मारपीट करते हुए पिस्टल तान दी। मामला पुलिसकर्मियों से जुड़ा होने के कारण हजारा थाना पुलिस मुकदमा दर्ज करने को टाल-मटोल करती रही। जिसके बाद छह अज्ञात के खिलाफ 15 मई को मुकदमा दर्ज किया गया।

पीड़ित ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराने की मांग की
आरोप है एसओजी प्रभारी और सिपाही के खिलाफ कार्रवाई नहीं की न ही आरोपितों की गिरफ्तारी हुई। बल्कि पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाए जाने की बात कही। पीड़िता ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से करने की मांग की है। न्याय न मिलने पर महिला ने अपने भाई और भांजे के साथ विगत दिनों लखनऊ में सीएम आवास के नजदीक आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मामला का संज्ञान लेने के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

पुलिस उपमहानिरीक्षक के स्तर से भी किसी गैरजनपद के अधिकारी से जांच कराई जा रही है
पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने पर निरीक्षक क्रांतिवीर, हेड कांस्टेबिल अजब सिंह, कांस्टेबिल शाहनवाज, कुलदीप, अजय को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है। हालांकि अभी तक एसओजी प्रभारी के पद पर किसी अन्य की नियुक्ति नहीं की गई है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक के स्तर से भी किसी गैरजनपद के अधिकारी से जांच कराई जा रही है।

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