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    सुबह-सुबह मंगला आरती से गूंजा पुरी, भगवान जगन्नाथ को चढ़ा खिचड़ी का भोग

    पुरी: ओडिशा में दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। आज सुबह छह बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती के बाद श्रृंगार किया गया और उसके बाद खिचड़ी का भोग लगाया गया। दैनिक पूजा-परंपराओं के बाद सुबह साढ़ नौ बजे भगवान मंदिर से बाहर लाने की विधियां शुरू हो गई हैं। रथों की पूजा कर बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ में बैठाया जाएगा और मौसीबाड़ी के लिए रथ प्रस्थान होगा। देशभर में शुक्रवार को जहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं, वहीं ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शाम को चार बजे खींचे जाएंगे और मौसीबाड़ी, यानी गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया जायेगा।

    उदयपुर में करीब 80 किलो चांदी के रथ में भगवान सवार होंगे और मौसीबाड़ी, यानी गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया। पुरी शहर में हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा को दुनिया भर के लोग बहुत श्रद्धा और उत्साह से देखते हैं। इस साल यह यात्रा 27 जून यानी आज से शुरू होकर 08 जुलाई तक चलेगी। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशाल रथों पर सवार होकर पुरी के मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाएंगे। यह यात्रा 12 दिन तक चलती है। अपराह्न तीन बजे पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ करीब तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाते हैं।

    ये उनकी मौसी का घर माना जाता है। यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है जिसमें 10,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आरएएफ, ड्रोन रोधी इकाइयां, स्नाइपर्स और एनएसजी कमांडो शामिल हैं। भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और राज्य समुद्री पुलिस तटरेखा पर गश्त करेगी, जबकि 275 एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन जैमर बडाडांडा और आसपास के क्षेत्रों में लगाए गए हैं, जिन्हें एक केंद्रीय कमांड सिस्टम में एकीकृत किया गया है। अधिकारियों ने भक्तों की भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए 36 निर्दिष्ट पार्किंग क्षेत्र स्थापित किए हैं और बडाडांडा पर एक एम्बुलेंस कॉरिडोर बनाया है। 500 से अधिक लाइफगार्ड समुद्र तट की निगरानी करेंगे।

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