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    राजस्थान में अब और महंगी होगी शराब! 48 नई वॉक-इन शॉप , नीलामी ₹1 करोड़ से शुरू

    राजस्थान में शराब प्रेमियों को अब मॉल जैसी वॉक-इन शॉप मॉडल दुकानों पर प्रीमियम ब्रांड की खरीदारी का अनुभव मिलेगा। आबकारी विभाग 48 मॉडल शराब दुकानें खोलने जा रहा है। 7 जुलाई को इनकी ऑनलाइन नीलामी होगी।

    राजस्थान में शराब के शौकीनों के लिए जल्द ही प्रीमियम ब्रांड खरीदने का अनुभव और बेहतर होने वाला है। राज्य के आबकारी विभाग ने प्रमुख शहरों में 48 ‘मॉडल शराब दुकानें’ खोलने की योजना बनाई है। ये दुकानें मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और हाई-फुटफॉल वाले क्षेत्रों में खोली जाएंगी, ताकि ग्राहकों को आलीशान और आरामदायक खरीदारी का अनुभव मिले।

    इन दुकानों में से जयपुर में 5, जोधपुर और उदयपुर में 2-2, तथा माउंट आबू और आबू रोड में 1-1 दुकान खोली जाएगी। शेष 37 दुकानें अन्य शहरों में स्थापित होंगी। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, माउंट आबू और आबू रोड में मॉडल शॉप के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य 1 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि अन्य शहरों के लिए यह 50 लाख रुपये होगा।

    ऑनलाइन नीलामी 7 जुलाई को होगी

    जानकारी के मुताबिक इन दुकानों की ऑनलाइन नीलामी 7 जुलाई को होगी, जिसमें भाग लेने के लिए 50,000 रुपये की गैर-वापसी योग्य शुल्क देना होगा। बोली लगाने वाले आधार मूल्य से 10% से अधिक की बढ़ोतरी एक बार में नहीं कर सकेंगे। इन मॉडल दुकानों के लिए जयपुर में न्यूनतम 1,000 वर्ग फुट और अन्य शहरों में 500 वर्ग फुट का स्थान अनिवार्य है।

    वहीं, सभी दुकानें पूरी तरह वातानुकूलित होंगी और ग्राहकों को वॉक-इन अनुभव प्रदान करेंगी। पारदर्शिता और सुविधा के लिए POS बिलिंग सिस्टम और होलोग्राम-स्कैनिंग बीप मशीनें अनिवार्य होंगी।

    केवल प्रीमियम शराब बेची जाएगी

    इन दुकानों में केवल प्रीमियम शराब बेची जाएगी, जिसमें 650 मिलीलीटर की बीयर की कीमत 200 रुपये से अधिक और 750 मिलीलीटर की शराब की बोतल की कीमत 1,500 रुपये या उससे अधिक होगी। यह पहल राजस्थान की 2025-2029 की आबकारी और शराब विनियमन नीति का हिस्सा है।

    कई महानगरों में पहले से संचालित

    आबकारी अधिकारियों का कहना है कि गुरुग्राम जैसे महानगरों में इस तरह की दुकानें पहले से संचालित हैं। राजस्थान में प्रीमियम ब्रांड्स की अनुपलब्धता का एक बड़ा कारण अपर्याप्त शेल्फ डिस्प्ले रहा है, जिसके चलते कई ब्रांड यहां लॉन्च करने में हिचकते हैं। इस वजह से ग्राहक प्रीमियम शराब खरीदने के लिए अन्य राज्यों में चले जाते हैं। यह योजना उस कमी को दूर करने का प्रयास है।

    आबकारी विभाग का मानना है कि ये मॉडल दुकानें न केवल ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि करेंगी। खासकर गुजरात जैसे शराबबंदी वाले राज्य की सीमा से सटे माउंट आबू और आबू रोड में इन दुकानों से अच्छी बिक्री की उम्मीद है।

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