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    राम नाथ कोविंद की एंट्री से बदलेगा इतिहास, RSS मंच पर पहली बार पूर्व राष्ट्रपति

    नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 100वें विजयादशमी उत्सव में इस बार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद चीफ गेस्ट होंगे। जब कोविंद संघ के कार्यक्रम में नागपुर के रेशमबाग स्थित संघ मुख्यालय पहुंचेंगे तो यह अपने आप में ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि वह न सिर्फ बीजेपी से राष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति हैं बल्कि संघ के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति होंगे। संघ ने डॉ. राम नाथ कोविंद का चयन बहुत बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। दलित वर्ग से आने वाले राम नाथ कोविंद का संघ से जुड़ाव नहीं रहा है। वह सीधे बीजेपी में आए थे, लेकिन बीजेपी में आने के बाद उन्होंने अपना पैतृक घर संघ को डोनेट कर दिया था। संघ के शताब्दी वर्ष के सेलिब्रेशन कार्यक्रम पर देश भर की नजरें टिकी हुई हैं। राम नाथ कोविंद पिछले कुल सालों में संघ के कार्यक्रम में जाने वाले पहले बड़े दलित चेहरा होंगे। 2017 में संघ ने दलित समुदाय से आने वाले छत्तीसगढ़ के बड़े संत निर्मलदास जी को चीफ गेस्ट बनाया था, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर तबीयत बिगड़ने से वह कार्यक्रम नहीं पहुंच पाए थे।

    कब संघ मुख्यालय गए थे मुखर्जी?

    देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने भी आरएसएस के संघ मुख्यालय का दौरा किया था लेकिन वह विजयादशमी उत्सव के चीफ गेस्ट नहीं बने थे। वह राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद 2018 में प्रणब मुखर्जी तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग की पासिंग आउट परेड में पहुंचे थे। मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में जाने पर काफी सियासत गरमा गई थी। ऐसे में राम नाथ कोविंद पहले पूर्व राष्ट्रपति बनेंगे जो संघ के सबसे बड़े सालाना कार्यक्रम में चीफ गेस्ट होंगे। कोविंद का नाम इसलिए भी इतिहास में दर्ज रहेगा क्योंकि वह 100वें यानी शताब्दी वर्ष में चीफ गेस्ट बनने जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन करने जा रहा है। यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर को सुबह 7:40 बजे नागपुर के रेशीमबाग मैदान में होगा। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे, जबकि सरसंघचालक मोहन भागवत उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
      
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी कार्यक्रम चीफ गेस्ट लिस्ट

    क्रं. सं.    साल    चीफ गेस्ट                   क्षेत्र/पद
    1    2025    रामनाथ कोविंद                पूर्व राष्ट्रपति
    2    2024    के राधाकृष्णन                  Ex इसरो चीफ
    3    2023    शंकर महादेवन                 संगीतकार
    4    2022    श्रीमती संतोष यादव         पद्म श्री सम्मानित पर्वतारोही
    5    2021    —                                 कोविड के कारण
    6    2020    —                                 कोविड के कारण
    7    2019    शिव नाडर                       फाउंडर HCL टेक्नोलॉजीज
    8    2018    कैलाश सत्यार्थी                नोबेल पुरस्कार विजेता
    9    2017    संत निर्मल दास जी           दलित धार्मिक नेता, छत्तीसगढ़
    10    2016    सत्यप्रकाश रॉय              सेवानिवृत्त आईएएस
    11    2015    डॉ. वीके सारस्वत            मेंबर, नीति आयोग
    12    2014    —                                 कोई नहीं
    13    2013    लोकेश चंद्र                     इतिहासकार
    14    2012    स्वामी स्वरूपानंद           चिन्मयानंद मिशन
    15    2011    डॉ. नरेंद्र कोहली              हिंदी लेखक

    संतोष यादव हैं पहली महिला

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी के कार्यक्रम इसके प्रमुख अपना संबोधन देते हैं। 2022 के कार्यक्रम में संघ ने चौंकाते हुए पद्मश्री से सम्मानित पर्वतारोही संतोष यादव को चीफ गेस्ट बनाया था। वह 1925 से शुरू हुए संघ के सफर में पहली ऐसी महिला बनी थीं जो विजयादशमी के कार्यक्रम की चीफ गेस्ट बनी थीं। तब इस कोशिश को महिलाओं को ज्यादा-ज्यादा जोड़ने की कवायद के तौर पर देखा गया था। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राम नाथ कोविंद को संघ के नाम का बतौर चीफ गेस्ट ऐसे समय पर ऐलान किया है जब देश के सर्वोच्च पदों पर स्वयंसेवकों के काबिज होने का संयोग बन रहा है, क्योंकि बीजेपी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को NDA की तरफ से उपराष्ट्रपति चुनाव में कैंडिडेट बनाया है। उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले ही राम नाथ कोविंद से मुलाकात की थी। कोविंद के नाम का ऐलान होने के बाद कोच्चि के कार्यक्रम में अमित शाह ने खुद को स्वयंसेवक कहा था। इससे पहले पीएम मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से संघ के कार्यों का उल्लेख करते दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया था। राजनीतिक प्रेक्षक इस घटनाक्रम को बड़े परिवर्तन के तौर देख रहे हैं। 
     
    संघ के लिए है बड़ा अवसर

    नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया ने सभी से सपरिवार समय से पहले कार्यक्रम में उपस्थित होने की अपील की है। यह उत्सव युगाब्द 5127 के अनुसार आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी, गुरुवार को आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों और नागरिकों के पहुंचने की उम्मीद है।आरएसएस की ओर से इस आयोजन को संघ के शताब्दी वर्ष का उत्सव बताया गया है। संघ की ओर से कहा गया है कि कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद और डॉ. मोहन भागवत के उद्बोधन से समाज को नई दिशा और प्रेरणा मिलेगी। आरएसएस ने सभी से इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने का आह्वान किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारत का एक हिंदू राष्ट्रवादी, स्वयंसेवी संगठन है, जिसकी स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। इसका उद्देश्य हिंदू संस्कृति, एकता और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देना है।

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