More
    Homeराजनीतिचीन में नेपाल के पीएम और म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से मिले...

    चीन में नेपाल के पीएम और म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से मिले प्रधानमंत्री मोदी

    नई दिल्ली। चीन में सोमवार को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से पहले 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल के प्रधानमंत्री के‍.पी ओली और म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग के अलावा समूह के कई अन्य देशों जैसे वियतनाम, लाओस, आर्मेनिया, तुर्कमेनिस्तान, बेलारूस, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, मालदीव और मिस्र के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात हुई। पीएम ने इन सभी नेताओं के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र एक्स पर की गई कई पोस्ट में किया। जिसमें नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली के साथ हुई मुलाकात को लेकर पीएम ने अपनी पोस्ट में कहा कि तियानजिन में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली से मिलकर मुझे प्रसन्नता हुई है। भारत और नेपाल के संबंध बहुत गहरे और विशेष हैं। यहां बता दें कि दोनों नेता के बीच यह मुलाकात बीते दिनों भारत के पड़ोसी पहाड़ी राज्य द्वारा लिपुलेख दर्रे के मार्ग से चीन के साथ शुरू किए जा रहे प्राचीन व्यापार के संबंध में आपत्ति जताई गई है। नेपाल का कहना है कि यह इलाका उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। बल्कि भारत इसे अपना हिस्सा मानता है।
    विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन में म्यांमार के राज्य सुरक्षा एवं शांति आयोग के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग के साथ मुलाकात की। जिसमें पीएम ने उम्मीद जताई कि म्यांमार में होने वाले आगामी चुनाव सभी हितधारकों को शामिल करते हुए निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत म्यांमार के नेतृत्व वाली और म्यांमार के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है। जिसके लिए शांतिपूर्ण संवाद और परामर्श ही आगे बढ़ने का एकमात्र मार्ग है। पीएम ने म्यांमार की विकासात्मक आवश्यकताओं में सहयोग के लिए भारत की तत्परता दोहराई।
    मंत्रालय ने बताया कि जनरल ह्लाइंग के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी पड़ोस प्रथम, पूर्व की ओर देखो और हिंद-प्रशांत की नीतियों के हिसाब से म्यांमार के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। दोनों नेताओं ने बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और विकास साझेदारी, रक्षा-सुरक्षा, सीमा प्रबंधन-व्यापार के साथ ही आपसी सहयोग से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों के भावी परिदृश्य पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जारी कनेक्टिविटी परियोजनाओं की प्रगति दोनों देशों के लोगों के बीच बेहतर संपर्क को प्रेरित करेगी। साथ ही पूर्व की ओर देखो नीति के तहत क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देगी। 

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here