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    एमवाय अस्पताल में चूहा कांड : एक नवजात की मौत, डीन ने लिया कड़ा एक्शन

    :: लापरवाही पर दो सस्पेंड, नर्सिग सुपरिटेंडेंट को हटाया; भोपाल से डीन को नोटिस जारी ::

    इंदौर । इंदौर के एमवाय अस्पताल में हाल ही में घोर लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती दो नवजात शिशुओं को कथित तौर पर चूहों ने कुतर दिया। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कड़ा एक्शन लेते हुए कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित और सेवामुक्त कर दिया है। इसी बीच, एक नवजात की मौत हो गई, जबकि दूसरा बच्चा वेंटिलेटर पर है।

    :: लापरवाही पर गिरी गाज : दो सस्पेंड और नर्सिंग सुपरिटेंडेंट पद से हटाई गईं ::
    चूहा कांड के बाद डीन घनघोरिया ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नर्सिंग ऑफिसर आकांक्षा बेंजामिन और श्वेता चौहान को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, सहायक प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर कलावती बलावी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ऑफिसर मार्ग्रेट जोजफ को उनके पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह सिस्टर दयावती दयाल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीडियाट्रिक सर्जरी के आईसीयू इंचार्ज और असिस्टेंट इंचार्ज को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

    :: मृत्यु का कारण चूहे का कुतरना नहीं : डॉक्टर
    इस घटना के बाद जिस नवजात की मृत्यु हुई है, उसके संबंध में डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया का कहना है कि शिशु की मृत्यु का कारण चूहे का कुतरना नहीं है। उन्होंने बताया कि बच्चा पहले से ही गंभीर अवस्था में था और उसका वजन सिर्फ 1.2 किलो था। मृत्यु की वजह सेप्टीसीमिया संक्रमण है। दूसरा बच्चा भी गंभीर अवस्था में था, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।

    :: ठेकेदार कंपनी पर जुर्माना और उच्च स्तरीय कमेटी का गठन ::
    अस्पताल प्रशासन ने इस लापरवाही के लिए एजाइल कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और चेतावनी दी है कि उनका अनुबंध क्यों न निरस्त कर दिया जाए। इसके साथ ही, डीन ने एमवाय सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव को तुरंत पेस्ट कंट्रोल के दिशा-निर्देश दिए हैं। मामले की विस्तृत जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है, जिसमें डॉ. एस. बी. बंसल, डॉ. शशि शंकर शर्मा, डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. निर्भय मेहता, डॉ. बसंत निगवाल और सिस्टर दयावती दयाल शामिल हैं। यह समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    :: भोपाल से आयुक्त ने डीन से मांगा स्पष्टीकरण ::
    यह मामला सिर्फ अस्पताल प्रशासन तक ही सीमित नहीं रहा। भोपाल स्थित चिकित्सा स्वास्थ्य आयुक्त ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया को एक औपचारिक नोटिस जारी कर तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है। पत्र में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया यह मामला अस्पताल प्रबंधन और सेवा प्रदाताओं की ओर से बहुत ही बड़ी लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। इस घटना ने जनता में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और सरकारी अस्पतालों में रोगी सुरक्षा एवं स्वच्छता मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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