लखनऊ: खुदको आईएएस बताने वाला सौरभ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निदेशालय में एक फर्म के माध्यम से प्रॉजेक्ट मैनेजर के पद पर काम कर रहा था। वहां काम करते-करते सरकारी विभाग की व्यवस्था के बारे में जान गया था। इसी का फायदा उठाकर उसने स्पेशल सेक्रेटरी अर्बन डिपार्टमेंट और डायरेक्टर ऐट द कैबिनेट सेक्रेटरी होने का दावा करके सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाए, उसने सरकारी व्यवस्था का फायदा उठाने के लिए यह खेल किया था।
सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। वजीरगंज पुलिस उसे गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है। वहीं, सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस उसके साथियों के बारे में पता कर रही है। गोमतीनगर के विनयखंड इलाके में रहने वाले कनिष्क सिंह ने पुलिस को बताया कि सौरभ त्रिपाठी नाम के व्यक्ति की नियुक्ति ABM Knowledgeware Ltd. में 5 मई 2025 को प्रॉजेक्ट मैनेजर के पर हुई थी। वह फर्म के जरिए उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निदेशालय में चल रहे अकाउंटिंग से संबंधित काम देख रहा था।
सोशल मीडिया पर बना अधिकारी
आरोप है कि सौरभ ने एक्स पर खुदको स्पेशल सेक्रेटरी अर्बन डिपार्टमेंट घोषित किया हुआ था, जबकि वह प्रशासनिक अधिकारी नहीं है। इसके अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर उसने खुदको डायरेक्टर ऐट द कैबिनेट सेक्रेटरी, भारत सरकार लिखा हुआ था। आरोप है कि सौरभ ने यह फर्जीवाड़ा सरकारी व्यवस्था का गलत प्रयोग करने के लिए किया है। सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
कितने लोगों से की ठगी
इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी उपेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपित सौरभ त्रिपाठी को वजीरगंज पुलिस बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हालांकि, सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस उसके सथियों के बारे में पता कर रही है। इंस्पेक्टर ने बताया कि इस संबंध में पड़ताल की जा रही है कि आरोपित ने कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है। इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपित सोशल मीडिया अकउंट की डिटेल साइबर क्राइम सेल की मदद से खंगाली जा रही है। सोशल मीडिया पर उससे जुड़े लोगों से भी पुलिस पूछताछ की तैयारी में है।