नई दिल्ली.कर्मचारियों की लेट लतीफी के खिलाफ सरकार ने लिया बड़ा निर्णय लिया है। अक्सर लोग दफ्तर लेट से आने के आदी होते है। केंद्र सरकार ने लेट से आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने साफ-साफ कहा, कि 15 मिनट से अधिक की देरी से दफ्तर आने वालों को माफ नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों को कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।गौरतलब है कि इसकी शुरुआत 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने कार्यालय के समय को लागू करने को लेकर की थी लेकिन कुछ कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। कर्मचारियों का तर्क था कि उन्हें ऑफिस आने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
बायोमैट्रिक होगी शुरू
केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार दोबारा बायोमैट्रिक शुरू करने जा रही है। कोरोना के समय इसे बंद कर दिया गया था। देश भर के कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होने और अपनी हाजिरी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अधिकतम 15 मिनट की देरी को माफ करने का फैसला किया है। कर्मचारियों को आगाह किया गया है कि अगर वे सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस नहीं आते हैं तो उनका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायत है कि उनके पास कोई निश्चित कार्यालय समय नहीं है क्योंकि वे आमतौर पर शाम 7 बजे के बाद निकलते हैं। इसके अलावा उनका तर्क है कि कोविड के बाद इलेक्ट्रॉनिक फाइलों तक पहुंच के साथ वे अक्सर छुट्टियों या सप्ताहांत में घर से ही काम करते हैं।