अररिया: नेपाल में जेन-जी आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। राजधानी काठमांडू से लेकर तराई के विराटनगर, बीरगंज, राजविराज, इटहरी और सीमावर्ती इलाकों तक अराजकता फैल गई है। कर्फ्यू के बावजूद आंदोलनकारी दिन-रात सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन, आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि आंदोलनकारियों ने कई जिलों की जेलों पर धावा बोल दिया और तीन हजार से ज्यादा कैदियों को छुड़ा ले गए। नेपाल के सप्तरी जिला जेल को भी ब्रेक कर कैदी वहां से भाग निकले हैं। नेपाल में जिन जेलों को ब्रेक किया है, उनमें से कई जेल बिहार के सीमावर्ती जिलों से कुछ किलोमीटर की दूर हैं। इधर अररिया जिले की सीमा की सील कर एसएसबी की गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि कोई कैदी बिहार में घुसपैठ न कर ले।
झुमका जेल में हमला, 1576 कैदी फरार
भारत-नेपाल सीमा से करीब 23 किलोमीटर दूर सुनसरी जिले के झुमका जेल पर भी उपद्रवियों ने हमला किया। जेलर सुवास लामिछाने के मुताबिक, देर रात उपद्रवियों ने बलपूर्वक हमला कर कैदियों को छुड़ा लिया। जेल के ए और बी ब्लॉक में कुल 1098 कैदी थे, लेकिन बुधवार सुबह की परेड में फरार कैदियों की संख्या बढ़कर 1576 हो गई। कई कैदी हथियार और अन्य सामान भी ले भागे। हालात बेकाबू होने पर सेना को बुलाना पड़ा।
भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट
झुमका जेल से हजारों कैदियों के फरार होने के बाद अररिया जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। डीएम अनिल कुमार, एसपी अंजनी कुमार और एसएसबी 56वीं बटालियन के कमांडेंट शाश्वत कुमार ने जोगबनी बॉर्डर का दौरा किया और जवानों को कड़े निगरानी के निर्देश दिए। सीमा से आने वाले संदिग्धों की सघन जांच का आदेश दिया गया है।
नक्खू जेल में आग, पूर्व गृहमंत्री भी छुड़ाए गए
काठमांडू के नक्खू जेल को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। यहीं पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने बंद थे, जिन्हें उनके समर्थक जेल से निकालकर घर ले गए। फरार कैदी अपने निजी सामान के साथ जेल का सरकारी सामान और हथियार भी लेकर भाग गए। वहीं नेपाल के विराटनगर जेल ब्रेक को सेना ने नाकाम कर दिया है। सेना के जवान मोर्चा संभाल लिया है।