गुरदासपुर। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुरदासपुर के तिब्बड़ी कैंट में बाढ़ पीड़ित किसानों की दर्द भरी आपबीती सुन रहे थे तो इस दौरान एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला। इस विशेष मुलाकात के दौरान जिले के अलग-अलग प्रभावित गांवों के 19 किसान, मजदूर के अलावा बाढ़ पीड़ित महिलाएं मौजूद थीं। जब प्रधानमंत्री किसानों की समस्याएं सुन रहे थे तो उस समय का माहौल काफी भावुक था। बाढ़ के पानी से हुई त्रासदी को बताते हुए कई किसानों की आंखों में पानी आ गया। गांव मचराल के बाढ़ पीड़ित लजवंत सिंह मचराल ने बताया कि इस बाढ़ की मार ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है। पूरी फसल तबाह हो गई है। कई पशु मर गए हैं। इस संकट की घड़ी में आपसे बड़ी उम्मीदें हैं। अपनी बात कहते लजवंत सिंह ने अपनी जेब में से पैन निकाल कर प्रधानमंत्री को दिया और कहा कि हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री जी आप दिल खोलकर इस पैन से राहत पैकेज लिखें। इसी तरह किसान रछपाल सिंह खोखर राजपूता, जतिंदर कुमार जंडी, अमर सिंह कमालपुर जट्टां, गुरभेज सिंह घोनेवाल, राजबीर सिंह गांव तलवंडी हिंदुआ, बख्शीश सिंह ठेठरके, पलविंदर सिंह आदि ने भी पूरे विस्तार से प्रधानमंत्री को बाढ़ के संकट के बारे में बताया।
धुस्सी बांध टूटने से मची भारी तबाही
इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री से यह भी मांग कर दी कि वह जो भी राहत राशि देकर जाएं, वह सीधा उनके बैंक खातों में डाली जाए, क्योंकि 2023 के बाढ़ का मुआवजा अभी तक उन्हें नहीं मिला। कुछ अन्य किसानों ने बताया कि दरिया के साथ लगते धुस्सी बांध टूटने से भारी तबाही मची है। इसे मजबूत करना बेहद जरूरी है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि धुस्सी बांध तो मजबूत किए ही जाएंगे, बल्कि उनकी पहल होगी कि ऐसी नीतियां बना दी जाएं ताकि भविष्य में बाढ़ की ऐसी स्थिति से बचा जा सके। इसके अलावा दरियाओं के पास बसे लोगों को फिर से ऐसी मार न झेलनी पड़ी। पीएम ने मिलाया हाथ तो गदगद हुए किसान प्रधानमंत्री जब बैठक हाल में पहुंचे तो उस समय अपनी आपबीती सुनाने आए बाढ़ पीड़ित काफी दूर-दूर बैठे हुए थे। प्रधानमंत्री ने आते ही सभी को अपने पास कुर्सियां लाने के लिए कहा। अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि वे पूरे दिल से बाढ़ से प्रभावित लोगों की मुश्किलें सुनने आए हैं और वे इस संकट की घड़ी में पूरी तरह से उनके साथ है प्रधानमंत्री ने अपने प्रोटोकोल की परवाह न करते हुए मुलाकात करने आए प्रत्येक बाढ़ पीड़ित से हाथ मिलाया। तकरीबन हर व्यक्ति ने दो-ढाई मिनट तक अपनी व्यथा सुनाई और प्रधानमंत्री ने भी पूरे ध्यानपूर्वक सुना।
किसान बोले–कभी सोचा नहीं था पीएम सामने बिठा समस्याएं सुनेंगे
प्रधानमंत्री के साथ किसानों की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। इस मुलाकात के बाद बाहर आए किसान लजवंत सिंह और राजबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे प्रधानमंत्री के साथ बैठकर अपनी समस्याएं बताएंगे। वह किसी राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं है और आम लोग है। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ जिले के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल और नोडल अधिकारी परमिंदर सिंह सैनी के सहयोग से संभव हो सका है।