संरक्षण के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत करने की अपील
मिशनसच न्यूज, भरतपुर। भरतपुर जिले की ऐतिहासिक बावड़ियों के संरक्षण और विकास की मांग को लेकर समृद्ध भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विशेष बजट की स्वीकृति की मांग की है। गुप्ता ने कहा कि यदि इन बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर पर्यटन से जोड़ा जाए तो यह क्षेत्र न केवल पर्यटन मानचित्र पर दर्ज होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल सकेंगे।
पत्र में बताया गया है कि वैर पंचायत समिति क्षेत्र के हाथौड़ी, बल्लभगढ़ और वैर कस्बे की बावड़ियां कभी पारंपरिक जलस्रोत और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जानी जाती थीं। कालांतर में ये उपेक्षा का शिकार होकर अपनी चमक खो बैठीं, लेकिन इन बावड़ियों में बने मेहराब, बरामदे और कलाकृतियों से सजे खंभों की पच्चीकारी आज भी दर्शनीय है।
गुप्ता ने पत्र में स्पष्ट किया कि बावड़ियों का संरक्षण न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि पेयजल और सिंचाई के लिए जलस्रोत के रूप में भी उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि संरक्षण के बाद नियमित रख-रखाव की व्यवस्था नहीं की गई तो ये बावड़ियां भी कामा के चील महल और खानुआ के राणा सांगा स्मारक की तरह फिर उपेक्षा का शिकार हो जाएंगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वैर कस्बे का सफेद महल करोड़ों रुपये की लागत से विकसित किया गया था, लेकिन रख-रखाव के अभाव में वह राशि व्यर्थ चली गई। अब राज्य सरकार ने पुनः सफेद महल के सौंदर्यीकरण और विकास का कार्य शुरू किया है।
गुप्ता ने धौलपुर और दौसा जिले के बांदीकुई स्थित बावड़ियों का हवाला देते हुए कहा कि उनके जीर्णोद्धार के बाद पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि हुई है। इसी तरह यदि बैर की तीनों बावड़ियों का संरक्षण और विकास हो जाए तो क्षेत्र में पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री से 5 करोड़ रुपये का अलग बजट स्वीकृत करने की मांग की है ताकि यह ऐतिहासिक धरोहरें भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीवित धरोहर के रूप में सुरक्षित रह सकें।