अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कॉर्डिनेटर केके शास्त्री ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अलवर से भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव जनता के समर्थन से नहीं, बल्कि वोट चोरी के दम पर बने हैं सांसद
मिशन सच न्यूज़, अलवर।
अलवर लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के कॉर्डिनेटर केके शास्त्री ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अलवर से भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव जनता के समर्थन से नहीं, बल्कि वोट चोरी के दम पर सांसद बने हैं।
शास्त्री गुरुवार को अलवर में कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे “वोट चोर गद्दी छोड़” हस्ताक्षर अभियान के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि अलवर की जनता 2024 में कांग्रेस प्रत्याशी को सांसद बनाना चाहती थी, लेकिन भाजपा ने वोट चोरी कर नतीजे पलट दिए।
48 हजार वोटों से हारी कांग्रेस
कांग्रेस नेता शास्त्री ने कहा कि अलवर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस मात्र 48 हजार वोटों से हारी, जबकि भाजपा उम्मीदवार को करीब 50 हजार वोटों से जीत मिली। वहीं, अलवर शहर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस 52 हजार वोटों से पीछे रही। शास्त्री ने इसे “स्पेशल केस” बताते हुए कहा कि इस पूरे मामले की स्टडी कांग्रेस पार्टी कर रही है और जल्द ही इसका सच सामने आएगा।
राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल
शास्त्री ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी गत 7 अगस्त को सबूतों के साथ भाजपा पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग की मिलीभगत रही। शास्त्री के अनुसार, देश में 25 से 30 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस 50 हजार से कम वोटों से हारी है। यह जनता के संवैधानिक अधिकार का हनन है।
“संविधान बचाने की लड़ाई”
एआइसीसी कॉर्डिनेटर ने कहा कि संविधान हर नागरिक को एक वोट का अधिकार देता है। कांग्रेस इस अधिकार की रक्षा के लिए पूरे देश में अभियान चला रही है। जनता को यह विश्वास दिलाना ज़रूरी है कि जिसे उन्होंने वोट नहीं दिया, वह वोट चोरी कर सत्ता में नहीं आ सकता। उन्होंने वोट चोरी को लोकतंत्र और संविधान के साथ बड़ा अन्याय बताया।
अलवर में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत
अलवर जिला कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को अग्रसेन चौराहा, सब्जी मंडी गेट से “वोट चोर, गद्दी छोड़” हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और आमजन जुटे। दिलचस्प बात यह रही कि कई जगह कार्यकर्ता राहुल गांधी का नाम लेने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाएं बंद करने का हवाला देकर लोगों से हस्ताक्षर कराते दिखे। महिला कार्यकर्ताओं ने भी गहलोत की योजनाओं का मुद्दा उठाकर आमजन को जोड़ने का प्रयास किया।