लीम। नेपाल के बाद अब पेरू का जेन-ज़ी युवा सड़क पर उतर आया है और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। जेन-ज़ी का बैनर, सोशल मीडिया पोस्ट्स, मीम्स और एक साथ जुट कर विरोध का तरीका बहुत कुछ एक जैसा है! नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन से विरोध प्रदर्शन हुए थे, तो पेरू पिछले कुछ दिनों से सरकारी फरमान से अंदर ही अंदर सुलग रहा था। पेरु के राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे के खिलाफ माहौल बन गया, ठीक वैसा ही जैसा नेपाल में पीएम ओली के खिलाफ बना।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेरू की राजधानी लीमा में सैकड़ों युवा सड़कों पर उतरे आए। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से जेन-ज़ी यानी नई पीढ़ी के युवाओं द्वारा किया गया। युवाओं का मुख्य उद्देश्य था भ्रष्टाचार, आर्थिक असुरक्षा और पेंशन सुधार कानून के खिलाफ आवाज उठाना है। जेनरेशन जेड नामक एक युवा समूह की ओर से आयोजित यह विरोध-प्रदर्शन, संगठित अपराध, सरकारी पदों पर भ्रष्टाचार और हाल ही में हुए पेंशन सुधार के खिलाफ पेरू में बढ़ते सामाजिक असंतोष का हिस्सा है।
बता दें हाल ही में पेरू की कांग्रेस ने निजी पेंशन फंड में बदलाव किया है, जिससे युवाओं को डर है कि उनकी भविष्य की बचत असुरक्षित हो जाएगी। साथ ही बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार ने युवाओं में बेचैनी पैदा कर दी है। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया के सहारे अपना दर्द और गुस्सा निकाला और एक जगह जमा हो गए। असंतोष बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला। भीड़ को तितर बितर करने आंसू गैस छोड़ी और इस हिंसक झड़प में करीब तीन पुलिसकर्मी घायल हुए।
बता दें नेपाल में भी इस महीने जेन-ज़ी के युवा कुछ ऐसे ही सक्रिय हुए, सरकार और संसद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। नेपाल में युवा नेतृत्व वाले इन प्रदर्शनों ने पीएम ओली के इस्तीफे और अंतरिम पीएम की नियुक्ति तक को प्रभावित किया। नेपाल में भी युवा डिजिटल सक्रियता के जरिए सरकार विरोधी नारे फैलाते रहे। जेन-ज़ी राजनीति में सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार चाहते हैं। वैश्विक स्तर पर भी यह प्रवृत्ति देखी जा रही है। बांग्लादेश में ऐसा ही दिखा, तो इंडोनेशिया और केन्या में युवा इसी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर विरोध कर रहे हैं।
नेपाल के बाद अब पेरु में सरकार के खिलाफ जेन-ज़ी का जोरदार प्रदर्शन
