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    Homeदेशएनएसए डोभाल की सख्ती का असर: कनाडा में पन्नू का खास गिरफ्तार

    एनएसए डोभाल की सख्ती का असर: कनाडा में पन्नू का खास गिरफ्तार

    NSA अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) का कनाडा (Canada) पर दबाव काम कर गया है। भारत (India) और कनाडा के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक के बाद तुरंत बाद कनाडा में खालिस्तानियों पर बड़ी कार्रवाई की गयी है। कनाडा में खालिस्तानी इंद्रजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंद्रजीत सिंह गोसल सिख्स फॉर जस्टिस के नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर होने के साथ ही कनाडा में खालिस्तान को लेकर होने वाले जनमत संग्रह का प्रमुख आयोजक बन गया था।

    18 सितंबर को हुई थी डोभाल की नथाली से बातचीत

    गौरतलब है कि भारतीय और कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों अजीत डोभाल और नथाली जी ड्रोइन के बीच 18 सितंबर को हुई मुलाकात में ओटावा की ओर से खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों की गतिविधियों के प्रति नरम रुख, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या, आतंकवाद निरोधक क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ भारत के खिलाफ आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों को सौंपने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

    बैठक में डोभाल ने कनाडा की मार्क कार्नी सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव डाला था। इसके तुरंत बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद इंद्रजीत अमेरिका स्थित खालिस्तानी संगठन- सिख्स फॉर जस्टिस के लिए कनाडा में एक मुख्य आयोजक बन गया था।

    हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के आरोप में पहले भी हो चुका है गिरफ्तार

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंद्रजीत सिंह गोसल कनाडा में खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह कराने का कॉर्डिनेटर है और उसे अब हथियारों से जुड़े अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत ने "खालिस्तानी आतंकवादी" के रूप में नामित किया है। इसके पहले भी 36 साल के इंद्रजीत को कनाडा की पुलिस ने पिछले साल नवंबर में ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में एक हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में उसे पुलिस ने शर्तों पर रिहा कर दिया।

    खालिस्तानी आतंकवाद की फंडिंग, पहली बार ओटावा ने माना

    सितंबर महीने की शुरुआत में कनाडाई सरकार ने एक आंतरिक रिपोर्ट में अपनी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी समूहों की मौजूदगी और उन्हें भारत के खिलाफ आतंक के लिए कनाडा में फंडिंग कैसे मिलती है, यह स्वीकार किया था। इन समूहों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल एसवाइएफ (सिख यूथ फेडरेशन) शामिल हैं।

    ये दोनों कनाडा के आपराधिक संहिता के तहत आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब ये चरमपंथी समूह ज्यादातर व्यक्तियों के छोटे समूहों के माध्यम से काम करते हैं जो किसी विशिष्ट संगठन से बंधे बिना खालिस्तान मुद्दे का समर्थन करते हैं।

    दोनों देशों ने संबंधों का नया अध्याय शुरू करने पर जताई सहमति

    दोनों देशों के एनएसए की बैठक के बाद भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को कहा था कि भारत और कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय शुरू करने की दिशा में एक सहयोगी दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए हैं, जिसमें आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए मिलकर काम करना शामिल है। साथ ही दोनों देशों के बीच दूतावासों में एक बार फिर से कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर सहमति बनी है।

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