अलवर. ( प्रेम पाठक ) राजस्थान में पानी और सीवरेज संबंधी कार्यों के लिए प्रस्तावित राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी)के गठन पर जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने विरोध जताया है। इस मुद्दे पर बुधवार को कर्मचारी संगठनों ने मनुमार्ग स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
जानकारी के अनुसार अलवर खैरथल-तिजारा संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से पीएचईडी के समस्त अभियन्ताओं, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यों को आर डब्ल्यू एस एस सी को हस्तांतरित किए जाने को लेकर मनु मार्ग स्थित जलदाय विभाग कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कहा कि सरकार निजीकरण का प्रयास कर रही हैं। विरोध कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन लांच किया गया था। इस मिशन के लिए योजना की लागत का 5-10 प्रतिशत राशि जन सहयोग से एवं शेष राशि का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार एवं 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाना है। गत सरकार द्वारा राज्य मद की राशि की व्यवस्था के लिए वर्ष 1979 में सृजित राजस्थान जलप्रदाय एवं सीवरेज निगम आर डब्ल्यू एस एस सी के माध्यम से राशि 8600 करोड रूपए का ऋण लिया गया । इस ऋण के भुगतान के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा शहरी एवं ग्रामीण योजनाओं पर जारी पेयजल संबंधों के बिलों से प्राप्त राशि आर डब्ल्यू एस एस सी को स्थानांतरित कर दी गयी। राज्य सरकार द्वारा आर डब्ल्यू एस एस सी का निगम बनाकर मुसीबत में डाला जा रहा है।
आर डब्ल्यू एस एस सी में धकेला जा रहा है जबकि जलदाय विभाग पर तो पहले से हजार आठ सौ करोड़ का लॉन है जबकि सरकार जाते जाते आर डब्ल्यू एस एस सी में धकेल गई है । जबकि जलदाय विभाग को निगम बनाना है। इससे आमजन ओर कर्मचारियों को परेशानी खड़ी हो जाएगी। सरकार का निजीकरण का प्रयास है। इसलिए जलदाय विभाग में कन्वर्ट नहीं किया जाए।