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    धनकुबेर सौरभ शर्मा की काली कमाई पर सनसनीखेज आरोप: दावे के अनुसार फर्जी ‘RTO स्क्वॉड गैंग’ बनाकर हाईवे पर वसूली की योज़ना

    ग्वालियर: MP में फर्जी आरटीओ पुलिस गैंग को असली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें नकली टीआई, आरक्षक सहित कुल चार लोग पुलिस की वर्दी में गिरफ्तार किए गए हैं। इन्होंने आरटीओ में फर्जी तरीके से भर्ती का लालच देकर लोगों से रुपए भी ऐंठे और नकली नियुक्तिपत्र भी दिया। सागर जिले के रहने वाले आरोपियों को ग्वालियर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी आरटीओ विभाग के सौरभ शर्मा की कमाई देखकर लालच में आए और यह फर्जीवाड़ा कर रहे थे।

    ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक बड़े फर्जी पुलिस गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग आरटीओ ( RTO ) का स्क्वॉड बनकर हाईवे पर अवैध वसूली की योजना बना रहा था। क्राइम ब्रांच ने गैंग के एक फर्जी टीआई, दो नकली कॉन्स्टेबल और एक वाहन चालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से एक लग्जरी कार, फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भारी मात्रा में बरामद किए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह गैंग बेरोजगार युवकों को पुलिस में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसे भी ऐंठता था।

    फर्जी RTO पुलिस गैंग का ऐसे हुआ पर्दाफाश
    फर्जी आरटीओ पुलिस गैंग का खुलासा एक ऑनलाइन शॉप संचालक वैभव पाल की सूचना पर हुआ। वैभव ने पुलिस को बताया कि उसकी ऑनलाइन दुकान में शिवम चतुर्वेदी नाम का युवक खुद को एसपी ऑफिस में पदस्थ टीआई बताकर उन्हें धमका रहा था। शिवम ने जबरन उससे दो फर्जी नियुक्ति पत्र भी बनवाए हैं। बाद में तीन और नियुक्ति पत्र बनवाने के लिए फोन किया था। जब वैभव ने मना किया, तो शिवम धमकाने लगा। इसकी सूचना उसने अपने चाचा के साथ पुलिस अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर दी थी। जिसके तत्काल बाद डीएसपी क्राइम ब्रांच नागेन्द्र सिंह सिकरवार, साइबर सेल प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह और एसआई धर्मेन्द्र शर्मा को दी गई।

    फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाने के चक्कर में पकड़े गए
    ऑनलाइन दुकान संचालक वैभव की सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने प्लानिंग कर नकली पुलिस को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। जैसे ही फर्जी टीआई शिवम चतुर्वेदी अपने साथियों के साथ कार से नियुक्ति पत्र लेने पहुंचा तो क्राइम ब्रांच ने उन्हें मौके पर ही धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शिवम चतुर्वेदी (फर्जी टीआई), पवन यादव, नीरज यादव (फर्जी कॉन्स्टेबल), और रविन्द्र यादव (ड्राइवर) के रूप में हुई है। ये चारों करीब दो महीने पहले सागर जिले से ग्वालियर आए थे। ग्वालियर में किराए का फ्लैट लेकर रह रहे थे। शिवम सागर जिले के गढ़ाकोटा के झुल्ला गांव एवं पवन, ओमकार, नीरज और रविंद्र तीनों गढ़ौला गांव के रहने वाले हैं।

    बेरोजगारों को ठगी का झांसा
    नकली पुलिस बनकर हाईवे पर अवैध वसूली की प्लानिंग और भर्ती के लिए ठगी करने वाले आरोपियों ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में बताया कि गैंग के सदस्य शहर के अलग-अलग इलाकों में घूमते थे और बेरोजगार युवकों को पुलिस में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उन्हें ठगते थे और पैसे वसूलते थे। ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि इस गैंग ने पहले भी इस तरह की वारदातें की हैं या नहीं। पुलिस अब इनके नेटवर्क और ठगी का शिकार हुए अन्य पीड़ितों की तलाश कर रही है।

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