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    तालिबानी लड़ाकों ने ढहाया कहर, PAK आर्मी के 12 जवान मारे, टैंक-चौकियों पर कब्जा, 5 ने हथियार डाले

    नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान (Afghanistan) की सीमावर्ती इलाकों में हाल के हवाई हमलों (air strikes) और मुठभेड़ों के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया है. सुरक्षा सूत्रों और स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, डुरंड लाइन (Durand Line) पर कुर्रम जिले के गावी क्षेत्र में पाकिस्तान और अफगान बलों के बीच देर रात भारी झड़पें हुईं. शुरुआती आधे घंटे में छोटी बंदूकों से फायरिंग शुरू हुई, लेकिन यह जल्द ही तोपखाने और गोलाबारी तक बढ़ गई.

    यह हिंसक झड़प तब शुरू हुई जब तालिबान बलों ने कथित तौर पर शनिवार देर रात कई पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर गोलीबारी की. स्थानीय मीडिया ने इसका वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग और गोलाबारी देखी जा सकती है.

    दरअसल, अफगान तालिबान ने 11 अक्टूबर की देर रात को नंगरहर और कुनार प्रांतों में डुरंड लाइन के पास पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए. अफगानिस्तान की 201 खालिद बिन वलीद आर्मी कोर ने नंगरहर और कुनार प्रांतों में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला बोल दिया.

    12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
    तालिबान सरकार के रक्षा मंत्रालय ने टोलो न्यूज (TOLOnews) को बताया कि इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान की सेनाओं ने कई पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया है. कुनार और हेलमंद प्रांतों में एक-एक पाकिस्तानी चौकी को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया.

    सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, हेलमंद के बहरम चाह जिले में हुई झड़पों में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और एक मिल देहशिका टैंक अफगान बलों के कब्जे में आ गया. इसके अलावा, कंधार के मायवंद जिले में पांच पाकिस्तानी सैनिकों ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

    उधर, पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी बलों ने कार्रवाई करते हुए कई अफगान सीमा चौकियों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया. इसमें कई अफगान चौकियों और आतंकवादी ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ हीकई अफगान सैनिक और लड़ाके मारे गए हैं.

    कतर ने जताई चिंता, संवाद की अपील
    सीमा पर बढ़ते संघर्ष के बीच कतर ने आधिकारिक रूप से बयान जारी कर स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हिंसा से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. कतर ने दोनों देशों से संवाद, कूटनीति और संयम अपनाने की अपील की.

    मंत्रालय ने कहा, “कतर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव और उसके संभावित परिणामों को लेकर चिंतित है. हम दोनों पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दें और स्थिति को और न बढ़ाएं.”

    कतर ने यह भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है. बयान में कहा गया, “कतर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ खड़ा है जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किए जा रहे हैं. यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है.”

    तनाव की जड़: पाकिस्तानी हवाई हमले
    बता दें कि 9 अक्टूबर की रात, जब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और अन्य शहरों में सन्नाटा पसरा था, पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने अचानक आसमान को चीरते हुए हवाई हमले शुरू किए. काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में टीटीपी के कथित ठिकानों को निशाना बनाया गया.

    दावा है कि इन हमलों का मकसद टीटीपी चीफ नूर वली मेहसूद को खत्म करना था, जिसे वह अपनी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों का जिम्मेदार मानता है. तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों की निंदा करते हुए इसे युद्ध की शुरुआत बताया, जिसने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और गहरा कर दिया. वहीं पाकिस्तान ने इन हमलों की सीधे तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली है.

    तालिबान ने जारी की चेतावनी
    अफगान तालिबान ने इन हमलों के बाद सख्त चेतावनी जारी की है. तालिबान सरकार ने एक बयान में कहा, “शहर में हमारी कार्रवाई रात 12 बजे समाप्त हो गई थी, लेकिन अगर विरोधी पक्ष ने फिर से अफगानिस्तान की क्षेत्रीय सीमा का उल्लंघन किया, तो हमारी सशस्त्र सेनाएं अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए तैयार हैं और इसका कड़ा जवाब देंगी.”

    सीमा पर तनाव का असर स्थानीय आबादी पर भी पड़ रहा है. कुर्रम, बाजौर और नॉर्थ वजीरिस्तान के गांवों में लोग रातों की नींद खो चुके हैं. गोलियों और गोले की आवाजें बच्चों और बुजुर्गों के मन में खौफ पैदा कर रही हैं. कई परिवारों ने अपने घरों को छोड़ दिया है.

    लोग पलायन करने को मजबूर
    पाकिस्तान के कुर्रम जिले के गावी क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी गोलीबारी की खबरें सामने आईं. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह झड़प छोटे हथियारों से शुरू हुई, लेकिन जल्द ही तोपखाने और भारी हथियारों तक पहुंच गई. बाजौर (146 विंग), कुर्रम (155 विंग), 41 हॉर्स रेजिमेंट, 148 एडी नॉर्थ वजीरिस्तान और लोअर कुर्रम के शहीदन दांड क्षेत्र में भी गोलीबारी की खबरें हैं.

    दोनों पक्षों की सैन्य चौकियां हाई अलर्ट पर हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में रुक-रुक कर गोले दागे गए. पक्तिया प्रांत के आरयूब जाजी जिले में सुबह से ही अफगान सीमा बलों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच झड़पें जारी थीं. स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमावर्ती गांवों में डर और अशांति का माहौल है. कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

    भारत दौरे पर हैं तालिबानी विदेश मंत्री
    पाकिस्तान ने अफगानी क्षेत्रों में ये हवाई हमले ऐसे समय में किए, जब तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 8 दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं. पत्रकारों द्वारा पाकिस्तान के इस हवाई हमले के बारे में पूछे जानें पर तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा, ‘अफगानों के साहस की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए. हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता. अगर कोई अफगानों के साहस की परीक्षा लेना चाहता है, तो उसे सोवियत संघ, अमेरिका और नाटो से पूछना चाहिए, ताकि वे समझा सकें कि अफगानिस्तान के साथ ये खेल खेलना ठीक नहीं है.’

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