बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर फिर भड़की हिंसा, 90 लोगों की मौत

 

दिल्ली । बांग्लादेश में स्टूडेंट एक्टिविस्ट की ओर से बुलाए गए ‘पूर्ण असहयोग आंदोलन’ के दौरान ढाका  हिंसा भडक गई। देशभर में फैली हिंसा में करीब 90 लोगों की मौत हुई हैँ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया। इसमें 13 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई हैँ पूरे देश में अनिश्कालीन कफ्र्यू लगा दिया गया हैँ इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सबसे अधिक हिंसा असर सिराजगंग में देखने को मिला हैं। यहां 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिसमें 13 पुलिसकर्मी शामिल हैं। रविवार की शाम तक प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच कई जगह झडपे हुई।

आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन ने अब  सरकार विरोधी रूप ले लिया है। छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े  की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा कर दी है। विरोध कर रहे छात्रों के ग्रुप ने नागरिकों से टैक्स या अन्य बिल अदा न करने की अपील की है। छात्रों ने सभी फ़ैक्ट्रियों और सार्वजनिक परिवहन को बंद किए जाने का भी आह्वान किया है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने छह अगस्त को ‘ढाका तक ‘लॉन्ग मार्च’ करने की बात कही थी। यह रैली ढाका में दोपहर दो बजे आयोजित होनी थी. हालांकि इसके बाद इस लॉन्ग मार्च को एक दिन पहले, यानी पांच अगस्त को करने की घोषणा कर दी गई। अब ढाका में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। सरकार ने तीन दिन की सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी है। गृह मंत्रालय की एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि चार अगस्त को शाम छह बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ़्यू लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि रविवार की शाम को छह बजे से सभी डिविज़नल शहरों, नगर निगमों, नगर पालिकाओं, औद्योगिक इलाक़ों, ज़िला मुख्यालयों और उप ज़िला मुख्यालयों में अगले नोटिस तक कर्फ़्यू जारी रहेगा। ढाका में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. बांग्लादेश टेलीकम्युनिकेशन रेग्युलेटरी कमिशन के एक अधिकारी का कहना है कि ढाका में 4जी इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं, लेकिन ब्रॉडबैंड सेवाएं जारी रहेंगी।

 

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