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    गुलशन देवैया का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: कांतारा चैप्टर 1 की सफलता पर बोले – “कमाई से ज्यादा अहम है किरदार”

    मुंबई: 'कांतारा चैप्टर 1' में नजर आए बॉलीवुड अभिनेता गुलशन देवैया ने हाल ही में अमर उजाला से खास बातचीत की। इस दौरान अभिनेता ने ऋषभ शेट्टी के साथ काम करने के अनुभव, सेट पर माहौल और बॉलीवुड और साउथ के बीच के अंतर का जिक्र किया। 

    जब आपको यह फिल्म मिली तो पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
    मुझे पहले से अंदाजा था कि यह फिल्म मेरे पास आएगी। 2019 में मेरी मुलाकात ऋषभ शेट्टी से हुई थी। उन्होंने कहा कि वो मेरी फिल्म 'हंटर' के फैन हैं और मेरे लिए कुछ लिख रहे हैं। फिल्म की घोषणा पहले ही हो चुकी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण यह रुकी रही। ‘कांतारा’ की सफलता के बाद जब ऋषभ ने मुझे बताया कि उन्होंने मेरे लिए एक रोल लिखा है तो मैं तुरंत तैयार हो गया। मैं पहले से ही उनके काम का दीवाना था, इसलिए ये मेरे लिए यह एक रोमांचक अनुभव था।

    साउथ की फिल्म में काम करने का अनुभव कैसा रहा? 
    सबसे बड़ा अंतर शिफ्ट टाइमिंग और काम करने के तरीके में था। आमतौर पर मलयालम और कन्नड़ इंडस्ट्री में कलाकार सुबह छह बजे शुरू करके शाम छह बजे तक काम करते हैं… जबकि नाइट शिफ्ट का मामला अलग होता है। वहां पूरे बारह घंटे की शिफ्ट नहीं होती और नाइट शिफ्ट छोटी होती है। तकनीकी रूप से भी काफी कुछ अलग था। सिंक साउंड कम इस्तेमाल होता और कलाकार अपनी आवाज सेट पर ही देते हैं। मुझे लगता है यह तरीका माहौल और परफॉर्मेंस के लिहाज से सबसे बेहतर है क्योंकि कलाकार की असली परफॉर्मेंस वहीं सुनाई देती है।

    ऋषभ से आपने सबसे बड़ी सीख क्या ली?
    ऋषभ में मुझे उनकी क्षमता और तनाव को संभालने की कला ने बहुत प्रेरित किया। इतनी बड़ी फिल्म पहली बार में बनाने के बावजूद उन्होंने टीम, बजट और शूट को पूरी कुशलता से मैनेज किया। उनकी जिम्मेदारियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, उनके चेहरे पर शिकन नहीं आती। 
     
    फिल्म की सफलता आपके करियर के लिए कितनी मायने रखती है?
    इस फिल्म का श्रेय मैं अकेले नहीं ले सकता। मैं बस इसका हिस्सा हूं। करियर के लिहाज से यह निश्चित रूप से अच्छा रहेगा, लेकिन एक कलाकार के रूप में मेरे लिए नंबर या कमाई उतनी मायने नहीं रखती। मैं 2011 से काम कर रहा हूं और यह मेरी पहली फिल्म है जिसने इतनी बड़ी कमाई की, लेकिन मेरे लिए सबसे कीमती अनुभव यह है कि दर्शक हमारी मेहनत और किरदार को महसूस कर रहे हैं।

    क्या दर्शक आपको कभी धर्मा या यशराज जैसे बड़े बैनर की फिल्मों में देखेंगे?
    मेरे लिए हर फिल्म, हर रोल और हर किरदार अहम है। हर डायरेक्टर की अपनी समझ होती है और मैं उसकी कहानी और किरदार के हिसाब से काम करता हूं। लोग अक्सर सोचते हैं कि 'ऐसी फिल्में ही मुझे सफलता दिलाएंगी।' लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता। मैं अभिनय से प्यार करता हूं और अलग-अलग किरदारों निभाना मुझे पसंद है। मेरा फोकस हमेशा किरदार और कहानी पर होता है। अभी मैं बस देख रहा हूं कि सिनेमा मुझे कहां ले जाता है।

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