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    भारतीय फार्मा दिग्गजों का कदम: ग्लेनमार्क और डॉ. रेड्डीज ने US से रिकॉल की दवाएं

    व्यापार: अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) ने बताया कि दवा कंपनियां ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स और डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज ने निर्माण संबंधी खामियों के कारण अपनी कुछ दवाओं को अमेरिका से वापस मंगाने का फैसला किया है। यूएसएफडीए की हालिया प्रवर्तन रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लेनमार्क की अमेरिकी इकाई ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स इंक, यूएसए ने 26,928 पैक गर्भनिरोधक दवा वियोरेल (डेसोजेस्ट्रेल और एथिनाइल एस्ट्राडियोल) को वापस मंगाया है। यह दवा गोवा स्थित संयंत्र में बनी थी। इसे अशुद्धियों और गुणवत्ता में गिरावट के कारण 3 सितंबर 2025 को क्लास-2 रिकॉल के तहत वापस लिया गया। वहीं, डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीज की अमेरिकी इकाई डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीज इंक, प्रिंसटन (न्यू जर्सी) ने सक्सिनिलकोलाइन क्लोराइड इंजेक्शन की 571 शीशियां वापस मंगाई हैं। यह दवा सर्जरी के दौरान मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्तेमाल होती है। यूएसएफडीए के अनुसार, इस दवा में छह महीने की स्थिरता जांच के दौरान गुणवत्ता मानक से बाहर परिणाम मिले। कंपनी ने 26 सितंबर को क्लास-2 रिकॉल शुरू किया।

    गेल गैस लिमिटेड ने सीएनजी और पीएनजी के दाम घटाए
    दीपावली के मौके पर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए गेल गैस लिमिटेड ने अपने संचालन वाले राज्यों में कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (सीएनजी) और घरेलू पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। यह नई कीमतें 17 अक्तूबर 2025 से लागू होंगी। नई दरों के अनुसार, सीएनजी की कीमत में 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी, घरेलू पीएनजी की कीमत में 1.50 रुपये प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की कमी हुई है। यह मूल्य कटौती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा और ओडिशा में लागू होंगी, जहां गेल गैस लिमिटेड अपनी सेवाएं दे रही है। गेल गैस लिमिटेड के सीईओ गौतम चक्रवर्ती ने कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार की प्राकृतिक गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। इससे अधिक से अधिक उपभोक्ता पर्यावरण के अनुकूल ईंधन की ओर आकर्षित होंगे।

    16वीं अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी  में दिखाई इंजीनियरिंग ताकत
    रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने 16वीं अतंरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी 2025 में हिस्सा लेकर भारत की रेलवे इंजीनियरिंग में उन्नत तकनीक और उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। आरवीएनएल का स्टॉल हॉल 4, स्टॉल नंबर 4.42 पर स्थापित किया गया था, जहां कंपनी ने अपने प्रमुख रेलवे प्रोजेक्ट्स की मॉडलिंग पेश की। इस स्टॉल का उद्घाटन आरवीएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एससी जैन, निदेशकगण और रेलवे क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। प्रदर्शनी में पंबन ब्रिज, केबल-स्टेड ब्रिज और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग टनल बोरिंग मशीन जैसे बड़े इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स के छोटे मॉडल दर्शाए गए, जो आरवीएनएल की तेजी और दक्षता को दर्शाते हैं। एससी जैन ने कहा कि प्रदर्शनी में देश की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को प्रदर्शित करना हमारे लिए गर्व की बात है।

    आईआरएफसी को अब तक का सबसे अधिक मुनाफा
    भारतीय रेलवे की वित्तीय शाखा भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही और छमाही में अब तक का सबसे अधिक कर-पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है। 30 सितंबर 2025 को खत्म हुई इस अवधि में कंपनी का कुल मुनाफा 3,522.67 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 10.45 फीसदी अधिक है। पिछले साल यह लाभ 3,189.47 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 1,776.98 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही के 1,612.65 करोड़ रुपये से 10.19 फीसदी अधिक है। इस बढ़त का कारण कंपनी की रणनीतिक विविधीकरण और बेहतर नेट इंटरेस्ट मार्जिन है। आईआरएफसी ने नई योजनाओं और व्यापार क्षेत्रों में कदम रखकर लाभ में सुधार किया है।

    एआईसीआईएल की महिला नेताओं को सम्मान
    भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड (एआईसीआईएल) की चार महिला नेताओं को इस साल नारी शक्ति सम्मान 2025 से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन महिलाओं को दिया जाता है जो अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देकर समाज में बदलाव ला रही हैं। यह समारोह नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित हुआ। सम्मानित महिलाओं में सबसे प्रमुख एआईसी की अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक डॉ. लावण्या आर मुंडायूर हैं। उन्हें वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला नेता के रूप में चुना गया। डॉ. मुंडायूर ने दिसंबर 2024 में पद संभालने के बाद से ही कृषि बीमा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं। उनके नेतृत्व में एआईसी ने बहुत तेजी से प्रगति की है, जिसमें कंपनी की फसल बीमा बाजार हिस्सेदारी 32 से बढ़कर 50 फीसदी हो गई। किसानों को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावे चुकाए गए, जिससे 1 करोड़ से ज्यादा किसानों को मदद मिली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और राव एंड वेदर बेस्ड फसल बीमा योजना जैसी सरकारी योजनाओं को और मजबूत किया गया।

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