अलवर । शहीदों की याद में 15 अगस्त की शाम को अलवर के शहीद स्मारक पर हजारों दीपक जलाकर शहीदों को याद किया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता गौरव उत्सव समिति की ओर से आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2016 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम को अब देशभर के कई राज्यों में उत्साह के साथ मनाया जाने लगा है।

समिति के अध्यक्ष गौरीशंकर विजय ने बताया कि इसमें अब तक सेना के अनेक अधिकारियों और अनेक राजनेताओं ने अपील जारी कर दीपक जलाने का आह्वान किया है। यह कार्यक्रम अब जयपुर, अजमेर, भरतपुर, दिल्ली, इलाहाबाद,जम्मू, छिंदवाड़ा, पठानकोट आदि शहरों में भी होने लगा है।
सांसद रहते हुए बालकनाथ ने प्रधानमंत्री से किया था आग्रह
अलवर के सांसद रहते हुए महंत बालकनाथ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि मेरे लोकसभा क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस के दिन शहीदों के नाम दीपक जलाने का कार्यक्रम होता है। समिति ने सुझाव दिया है कि यदि प्रधानमंत्री भी इस दिन लालकिले से हर घर दीपक जलाने का आग्रह कर दें तो यह अभियान हर आदमी का बन जाएगा।
दीपक जलाने की अपील
हमारी नई पीढ़ी को स्वतंत्रता के महान योद्धाओं की कहानी को अपनी स्मृति पटल पर जीवित रखना जरूरी है। शहीदों के नाम दीपक जलाने के कार्यक्रम से न सिर्फ उनके परिवारों को बल मिलेगा बल्कि नई पीढ़ी की समझ भी बढ़ेगी।
ब्रिगेडियर सुखविंदर सिंह , इटाराणा छावनी , अलवर
अलवर से एक अभियान की शुरूआत हुई थी एक दीपक शहीदों के नाम , अब यह अभियान पूरे देश में फैल चुका है। मैंने करगिल में भी यह अपील की थी आज आपसे कर रहा हूं, अपने शहीदों के नाम स्वतंत्रता दिवस की शाम को एक दीपक अवश्य जलाएं।
राष्ट्रीय कवि विनीत चौहान
आजादी के दिन शाम को अपने घर पर, अगर आसपास में कोई शहीद स्मारक है तो वहां पर एक दीपक उन शहीदों के नाम का अवश्य जलाएं जो आपकी रक्षा करते हुए शहीद हो गए। यह अभियान अब पूरे प्रदेश और देश में फैल चुका है।इसके लिए मैंने प्रदेश के सभी विधायकों को भी पत्र भेजकर अपील की है।
टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा
आजादी के दिन हमारे सैनिकों के सम्मान में एक दीपक अवश्य जलाएं, मेरी प्रदेशभर के लोगों से अपील है कि अगर आप शहीद स्थल तक नहीं जा सके तो अपने घरों पर शाम को दीपक जलाएं।
संजय शर्मा, वन एवं पर्यावरण मंत्री
आजादी के दिन शाम को एक दीपक शहीदों के नाम अवश्य जलाएं । अलवर में यह कार्यक्रम पिछले आठ साल से हो रहा है, इसे देशभर में लागू करना चाहिए।
जितेंद्र सिंह , पूर्व केंद्रीय मंत्री