दुर्घटनास्थल से मिला इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक फ्लाइट रिकॉर्डर, पायलट के आखिरी 60 सेकंड का सच आएगा सामने

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में 242 लोग सवार थे. जिसमें से केवल एक यात्री जीवित बचा है. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू हो चुकी है. जांच में अब तक अधिकारियों ने विमान के दो इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक फ्लाइट रेकॉर्डर बरामद किए हैं.

ये EAFR जिन्हें आमतौर पर ब्लैक बॉक्स भी कहा जाता है. विमान के अगले और पिछले हिस्से में लगे थे. प्रत्येक EAFR एक मल्टीफंक्शन रिकॉर्डर है. जो 25 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) जानकारी और 120 मिनट का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) ऑडियो क्रैश-प्रोटेक्टेड सॉलिड-स्टेट मेमोरी में रिकॉर्ड करता है. यह डेटा हादसे के आखिरी पलों की जानकारी देने में मदद करेगा. जैसे कि पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच क्या-क्या बातचीत हुई थी? जब हादसा हुआ तब विमान की गति कितनी थी? उस समय विमान कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था? इससे हमें हादसे के समय विमान के इंजन की स्थिति का भी पता चलेगा.

EAFR मिल चुका है, इससे हादसे की वजह का पता चलेगा: AAIB

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने पुष्टि की है कि एक EAFR को मलबे से बरामद किया गया है. जो मेघानीनगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल की छत पर मिला था. दूसरा EAFR भी जांच एजेंसियों को मिल चुका है. ये रिकॉर्डर हादसे की वजह, जैसे तकनीकी खराबी, इंजन फेल होना या अन्य कारकों का पता लगाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे.

ब्लैक बॉक्स, DVR से कैसे है अलग?

बता दें कि गुजरात ATS ने मलबे से एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) भी बरामद किया है. जो हादसे से पहले के दृश्यों को समझने में मदद कर सकता है. किसी भी विमान की सुरक्षा के लिए दो उपकरण सबसे जरूरी होते हैं. जो ब्लैक बॉक्स और DVR हैं. ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर होते हैं. इनका काम कॉकपिट की आवाज को रिकार्ड करना होता है. वहीं दूसरी तरफ DVR विमान में वीडियो रिकॉर्ड करता है. जो उड़ान मापदंडों और कॉकपिट की आवाजों के साथ-साथ साक्ष्य भी प्रदान करता है. विमान में DVR सुरक्षा की नजरों से बहुत अधिक जरूरी होता है. यह DVR किसी भी घटना से पहले और उसके बाद हुई गतिविधियों को समझने में मदद करता है.

जांच के लिए ज्वांइट एजेंसी गठित

जांच में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), यूनाइटेड किंगडम की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (UK-AAIB), और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) जैसी एजेंसियां शामिल हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे की साइट का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की. हादसे पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि EAFR से मिले डेटा की गहन जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

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