भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की धूम: Indri जैसे ब्रांड्स को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, वैश्विक पहचान मजबूत

Indian Whisky Dominates Global Market: दुनिया में सबसे ज्यादा पी जाने वाली व्हिस्की ब्रांड्स में अब भारत का दबदबा है. दुनिया की 20 सबसे ज्यादा खपत वाली व्हिस्की में से आधे से ज्यादा ब्रांड भारत के हैं. टॉप-3 ब्रांड्स मैकडॉवेल्स, रॉयल स्टैग और इम्पीरियल ब्लू सभी भारतीय हैं. इसके अलावा, दुनिया की 18 सबसे तेजी से बढ़ने वाली व्हिस्की ब्रांड्स में से 8 भारत से हैं. ये आंकड़े Drinks International की रिपोर्ट में सामने आए हैं. जिससे पता चलता है कि भारत न सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी व्हिस्की का बड़ा खिलाड़ी बन गया है.

भारत में व्हिस्की की मांग सबसे ज्यादा

भारत में स्पिरिट्स यानी शराब के कुल बाजार का लगभग दो-तिहाई हिस्सा व्हिस्की का है. हर साल 400 मिलियन से ज्यादा केस की बिक्री होती है. भारत में अभी भी 60 प्रतिशत शराब गैर-प्रीमियम कैटेगरी में बिकती है और लोग धीरे-धीरे देसी शराब से ब्रांडेड एंट्री लेवल व्हिस्की की तरफ शिफ्ट कर रहे हैं. यही कारण है कि भारत में व्हिस्की की खपत लगातार बढ़ रही है.

BrandOwnerCategory2023 Volume (Million 9L Cases)2024 Volume (Million 9L Cases)Growth %
McDowell’sDiageoIndian Whiskey31.432.23%
Royal StagPernod RicardIndian Whiskey27.931.011%
Imperial BluePernod RicardIndian Whiskey22.822.90%
Johnnie WalkerDiageoScotch22.021.6-2%
Officer’s ChoiceAllied BlendersIndian Whiskey23.421.3-9%

सोर्स- Drinks International

विदेशी कंपनियों की पहली पसंद बना भारत

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अगले पांच सालों में लगभग 10 करोड़ लोग कानूनी रूप से शराब पीने की उम्र में पहुंच जाएंगे. यही वजह है कि दुनिया की बड़ी शराब कंपनियां जैसे डियाजियो और पर्नोड रिकार्ड, भारत को अपने टॉप-3 प्राथमिकता वालों बाजारों में गिनते हैं. डियाजियो के पास 34 और पर्नोड रिकार्ड के पास 21 ऐसे ब्रांड हैं जिनकी सालाना बिक्री 10 लाख केस से ज्यादा है.

स्थानीय कंपनियों की भी मजबूत पकड़

विदेशी कंपनियों के अलावा भारतीय ब्रांड भी तेजी से बढ़ रहे हैं. रैडिको खेतान के पास 8 मिलियनयर ब्रांड्स हैं जिनमें मैजिक मोमेंट्स वोडका और 8PM व्हिस्की प्रमुख हैं.इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक थोड़ी सी भी ग्रोथ भारत जैसे बड़े बाजार में भारी वॉल्यूम में बदल जाती है. हालांकि कंपनियां अब ज्यादा मुनाफे के लिए प्रीमियम सेगमेंट की ओर ध्यान दे रही हैं.

UK-India ट्रेड डील से बढ़ेगा कंप्टीशन

हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हुई ट्रेड डील से भारत में स्कॉच की कीमतें कम हो सकती हैं. इससे भारतीय ब्रांड्स के सामने कंप्टीशन बढ़ेगा. डियाजियो के सीएफओ निक झांगियानी ने कहा कि भारत कंपनी के लिए बेहद अहम बाजार है और टैक्स में कमी से वॉल्यूम और टॉपलाइन ग्रोथ दोनों को फायदा होगा.

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