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    भारी बारिश से मध्य प्रदेश में जनहानि, नदियों का बढ़ा जलस्तर बना खतरा

    MP News: मध्य प्रदेश में मानसून का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है, लेकिन बारिश के साथ-साथ प्रदेश में हादसों का सिलसिला भी जारी है। रविवार सुबह भोपाल के बैरसिया में ब्रह्म नदी में एक बुजुर्ग और उनकी 12 साल की पोती के बहने की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई।
    उधर, छतरपुर में थरा बांध में एक किशोर की डूबने से मौत हो गई। रायसेन में हलाली डैम के गेट खुले होने से नदी-नालों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। इस बीच, मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के 22 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है, और अब तक 40.6 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 111% अधिक है।

    बैरसिया में त्रासदी: दादा-पोती को निगल गई ब्रह्म नदी

    भोपाल के बैरसिया तहसील के खजुरिया रामदास गांव में रविवार सुबह 9 बजे एक हृदयविदारक हादसा हुआ। बाबूलाल साहू (70) अपनी 12 साल की पोती चिंको और एक पोते के साथ ब्रह्म नदी में पितृ तर्पण करने गए थे। पितृपक्ष के दौरान यह एक सामान्य धार्मिक अनुष्ठान था, लेकिन तेज बहाव ने इस परिवार के लिए त्रासदी ला दी।

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, और चिंको का पैर फिसलने से वह तेज धारा में बहने लगी। उसे बचाने के लिए बाबूलाल तुरंत पानी में कूद पड़े, लेकिन तेज बहाव में दोनों बह गए। उनके पोते ने शोर मचाकर आसपास के ग्रामीणों को बुलाया, जिसके बाद SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को सूचित किया गया।
    करीब साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर बाबूलाल का शव बरामद हुआ। SDRF की टीमें चिंको की तलाश में रविवार देर शाम तक जुटी रहीं, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। बैरसिया थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया, "नदी का प्रवाह बहुत तेज है। हमने अतिरिक्त गोताखोरों और ड्रोन्स की मदद ली है। बच्ची को जल्द ढूंढने की कोशिश जारी है।"

    इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। बाबूलाल के पड़ोसी रामलाल प्रजापति ने बताया, "बाबूलाल बहुत सज्जन व्यक्ति थे। उनकी पोती को बचाने के लिए उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल दी। यह बहुत दुखद है।" स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी के किनारे सुरक्षा रेलिंग और चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है।

    छतरपुर में हादसा: पार्टी बन गई मातम
    छतरपुर जिले के बराजखेरा गाँव में एक और दुखद हादसे ने एक परिवार को तोड़कर रख दिया। अंकित पटेल (15), पिता तुलसीदास पटेल, अपने दोस्तों के साथ थरा बांध पर पार्टी करने गया था। शनिवार दोपहर करीब 2 बजे अंकित और उसके दोस्त बांध के पास नहाने उतरे। नहाते समय अंकित का पैर फिसला, और वह गहरे पानी में चला गया।

    उसके दोस्तों ने शोर मचाया और स्थानीय ग्रामीणों को बुलाया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने अंकित को बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अंकित अपने परिवार का इकलौता बेटा था, और इस हादसे ने उसके माता-पिता को गहरे सदमे में डाल दिया।

    छतरपुर SP अगम जैन ने बताया, "यह एक दुखद घटना है। हमने मामले की जांच शुरू कर दी है। बांध के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।" स्थानीय लोगों ने बांध के पास लाइफगार्ड्स और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाए हैं।

    हलाली डैम के गेट खुले, बढ़ा खतरा

    रायसेन जिले में सम्राट अशोक सागर हलाली डैम के दो गेट रविवार को भी खुले रहे। इन गेटों को 0.75 मीटर तक खोलकर 112.97 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। भारी बारिश के कारण डैम का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे नदी-नालों में पानी का बहाव तेज हो गया है। रायसेन कलेक्टर मोहनलाल मीणा ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

    SDRF और होमगार्ड की टीमें डैम के आसपास तैनात की गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने नदी के किनारे बसे गाँवों में मुनादी करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। बैरागढ़ गाँव के निवासी किशनलाल ने बताया, "हर साल बारिश में डैम के गेट खुलते हैं, लेकिन इस बार पानी का बहाव बहुत तेज है। हमें डर है कि गाँव में पानी घुस सकता है।"

    बारिश का रिकॉर्ड: 22 जिलों में कोटा पूरा

    मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक 40.6 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत 37 इंच से 111% अधिक है। सामान्य तौर पर इस समय तक 32.8 इंच बारिश होनी चाहिए थी। पिछले साल इस अवधि में 44 इंच बारिश हुई थी।

    प्रदेश के 22 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है, जिनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, धार, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, और शहडोल शामिल हैं। भोपाल में अब तक 38 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य कोटे से केवल 2 इंच कम है।

    मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन ने बताया, "स्ट्रांग सिस्टम कमजोर पड़ने के कारण अब भारी बारिश की संभावना नहीं है। अगले चार दिन हल्की फुहारें और रिमझिम बारिश होगी, जिससे मौसम ठंडा बना रहेगा।" भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर में रविवार को भी हल्की बारिश दर्ज की गई।

    प्रशासन की प्रतिक्रिया और भविष्य के कदम

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन हादसों पर गहरा दुख जताया और ट्वीट किया, "बैरसिया और छतरपुर की घटनाएँ अत्यंत दुखद हैं। प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी। लापता बच्ची की तलाश के लिए सभी संसाधन लगाए गए हैं।"

    भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा, "हमने नदी-नालों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। SDRF की टीमें 24 घंटे निगरानी कर रही हैं।" छतरपुर कलेक्टर संदीप जीआर ने बांधों और जलाशयों के पास सुरक्षा गार्ड तैनात करने और जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
     

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