पेरिस। टोक्यो पैरालंपिक में भारत को एक स्वर्ण पदक समेत दो पदक दिलाने वाली पैरा शूटर अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक में एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन दोहराया है।अवनि ने दूसरे दिन 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। इस तरह भारत का पेरिस पैरालंपिक में शानदार आगाज हुआ है। वहीं, इसी स्पर्धा में भारत की मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।
अवनि और कोरियाई निशानेबाज में थी टक्कर
अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में 249.6 का स्कोर बना पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया था। इस बार उन्होंने 249.7 का स्कोर बनाया और अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। वहीं, मोना ने 228.7 का स्कोर बना तीसरा स्थान हासिल किया। दक्षिण कोरिया की युनरी ली ने 246.8 का स्कोर बनाया और रजत पदक हासिल किया।
आसान नहीं रहा दोनों का सफर
वर्ष 2012 में महज 12 साल की उम्र में अवनि लेखरा पैरालिसिस का शिकार हो गई थी। उनको चलने के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ गया। लेकिन अवनि ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ने को ठान लिया। दुर्घटना के महज तीन साल बाद ही अवनी ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाया और महज पांच साल के भीतर ही अवनी ने गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल कर लिया। वहीं, राजस्थान के सीकर में जन्मी मोना का जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है। पोलियो की बीमारी के कारण वह बचपन से ही चलने में असमर्थ हो गई थीं। इसके अलावा उन्हें समाज के तानों का सामना करना पड़ा। मोना अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकीं। पैरा-शूटर बनने के लिए वह जयपुर चली गईं। उनकी दादी ने उन्हें इसके लिए काफी प्रेरित किया।