अलवर में कितने वन्यजीव, गणना से लगेगा पता, 24 घंटे जलस्रोतों पर रहेगी नजर

अलवर. वन मंडल अलवर की ओर से बुधवार सुबह 8 बजे वन्यजीव गणना शुरू की गई। इस वन्यजीव गणना में वनकर्मी एवं वनमित्र आगामी 24 घंटे जिले के 100 जलस्रोतों के पास मचान लगाकर वन्यजीवों की गणना करेंगे। वन्यजीव गणना के बाद जारी होने वाली रिपोर्ट में पता चल सकेगा कि अलवर जिले के वन क्षेत्र में कितने वन्यजीव हैं। वन्यजीव गणना गुरुवार सुबह 8 बजे पूरी होगी।

अलवर वन मंडल के डीएफओ राजेन्द्र हुडडा ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर यह वन्यजीव गणना की जा रही है। पूर्व में यह वन्यजीव गणना बुदध पूर्णिमा 12 मई को शुरू होनी थी, लेकिन उस समय बारिश होने से वन्यजीव गणना को स्थगित करना पड़ा था। वन विभाग की ओर से साल में एक बार बुदध पूर्णिमा पर वन्यजीव गणना कराई जाती है। लेकिन बुदध पूर्णिमा पर बारिश होने या अन्य गतिरोध उत्पन्न होने पर इसे बाद में उपयुक्त समय पर कराया जाता है। उन्होंने बताया कि अलवर वन मंडल की सात रेंजों के 100 वाटर होल्स पर यह वन्यजीव गणना शुंरू की गई है। वन्यजीवों की गणना के लिए वाटर हॉल पदधति को अपनाया गया है। इसमें वाटर होल्स पर 24 घंटों के दौरान आने वाले वन्यजीवों की गतिविधियों को नोट की जाएगी। वन्यजीव गणना के लिए एक वाटर होल्स पर दो कर्मी ​तैनात किए गए हैं, इनमें एक वनकर्मी एवं एक वन मित्र शामिल है। साथ ही प्रशिक्षित वॉलिंटियर का भी वन्यजीव गणना में सहयोग लिया जा रहा है। वन्यजीव गणना के दौरान 24 घंटे तक यह टीम मचान पर बैठकर जलस्रोतों पर आने वाले हर वन्यजीव के आगमन, व्यवहार और उनकी संख्या को नोट कर रही है। बाद में इसके आधार पर वन्यजीव गणना की रिपोर्ट तैयार जारी की जाएगी। वन्यजीव गणना के दौरान सभी शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यजीवों की गणना की जा रही है। इनमें मांसाहारी प्रजाति के बाघ, पैंथर, सियार, जरख, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, भेडिया, बिज्जू, सियागोश आदि वन्यजीव शामिल हैं। वहीं शाकाहारी प्रजाति के वन्यजीव सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, लंगूर आदि, पक्षियों में मोर, जंगली मुर्गी, इंडियन लांग विल्ड वल्चर, रेड हेडेड व इंजिप्शियन वल्चर सहित रेंगने वाले जीवों की गणना होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here