इंजीनियर साथियों ने मिलकर  ऑनलाइन सट्टेबाजी में की 150 करोड की लेनदेन, अलवर पुलिस के साथ एजेंसी करेंगी जांच

अलवर। अलवर पुलिस ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग वे सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश कर तीन इंजिनियर दोस्तों को गिरफ्तार किया। इस गिरोह का मास्टरमाइंड नितिन पालीवाल 2021 में कोरोना महामारी में बेरोजगार हो गया था जिसके बाद इसने ऑनलाइन गेमिंग भेज सकते बाजी का प्लेटफार्म तैयार कर अलवर सहित देश के अन्य राज्यों में संचालित किया। अलवर पुलिस ने जांच के दौरान करीब 150 करोड़ रुपए के लेनदेन की जानकारी मिली। एडिशनल एसपी डॉक्टर तेजपाल ने बताया कि प्रकरण में बड़ी रकम के चलते एजेंसियों को भी इस प्रकरण से अवगत कराया जाएगा जिससे वह  अपनी जांच कर सके।

एडिशनल एसपी अलवर डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि साइबर सेल को कुछ समय पहले गोपनीय सूचना मिली। इसके आधार पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान तीन आरोपी नितिन पालीवाल, महेश शर्मा व पीयूष शर्मा को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्त में आए तीनों आरोपी इंजीनियर है। तीनों मिलकर अलवर में सट्टेबाजी का गिरोह संचालित करते थे। आरोपियों ने खुद  अपनी ऑनलाइन गेमिंग व सट्टेबाजी के लिए वेबसाइट को डेवलप किया। इस कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए एडमिन, निजी एडमिन, प्लेयर्स जैसे एक चैन बनाने लगे और सट्टे का कारोबार करते थे। एएसपी सिंह ने बताया कि आरोपी वर्चुअल करेंसी को क्रिएट कर इससे जुड़े लोगों में डिस्ट्रीब्यूशन करते है। आईडी पासवर्ड के माध्यम से प्लेयर्स इसके एक्सेस लेते है। इसके बाद वर्चुअल करेंसी को खरीदकर ट्रांसफर करते है। पैसे के ट्रांसफर के लिए हवाला व बैंक अकाउंट का सहारा लिया जाता था।
एडिशनल एसपी डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने 150 करोड रुपए की वर्चुअल करेंसी को जनरेट किया। पुलिस को डेढ़ सौ करोड रुपए के पैसे के ट्रांजैक्शन का ही अंदेशा है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में पूछताछ के लिए एजेंसियों को भी सूचित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने करीब 30 से ज्यादा वेबसाइट को सट्टेबाजी के लिए डेवलप किया। साथ ही 60 हजार आईडी को जनरेट किया गया है। जो अभी एक्टिव है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में तफ़्तीश जारी है और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। एडिशनल एसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से 6 एंड्राइड मोबाइल, 2 लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, 15 एटीएम कार्ड व गाड़ी को जब्त किया गया है। आरोपी अपने गिरोह को राजस्थान, यूपी, एमपी सहित अन्य जगहों पर संचालित कर रहे थे। गिरफ़्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपियों को 6 जून तक रिमांड पर लिया गया है।

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