कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक में किसान महापंचायत ने उठाए अहम मुद्दे

Many important demands were made including the guarantee of support price
Many important demands were made including the guarantee of support price

रामपाल जाट ने समर्थन मूल्य की गारंटी समेत कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं

📍 नई दिल्ली/जयपुर | नई दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र भवन में आयोजित कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की बैठक में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसानों से जुड़े अनेक अहम मुद्दे जोरदार ढंग से उठाए। बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष डॉ. विजय पॉल शर्मा ने की।

🔷 प्रमुख मांगें व सुझाव:

  • आयोग को वैधानिक दर्जा देने और उसकी रिपोर्टों पर संसद में बहस कराए जाने की मांग।

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी देने वाला कानून बनाए जाने का आग्रह।

  • मनरेगा को कृषि से जोड़ने, और कृषि उत्पादों पर जीएसटी समाप्त करने की सिफारिश।

  • नैनो यूरिया व डीएपी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग।

  • तिलहन, दलहन एवं मोटे अनाजों की खरीद पर लगे प्रतिबंध हटाकर भेदभाव रहित खरीद नीति लागू करने की आवश्यकता।

  • कृषि उत्पादों से जुड़े आयात-निर्यात, शुल्क एवं निर्यात नीति पर निर्णय का अधिकार वित्त मंत्रालय से हटाकर कृषि मंत्रालय को देने का प्रस्ताव।

  • नकली बीज, खाद व कीटनाशकों पर सख्त कार्रवाई और उनकी उचित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की अपील।

रामपाल जाट ने जोर देकर कहा कि आयोग द्वारा पूर्व में की गई कई महत्वपूर्ण गैर-मूल्य अनुशंसाएं, जैसे MSP की गारंटी का कानून और जीएसटी में राहत, अब तक अमल में नहीं लाई गई हैं, इसलिए इन पर पुनर्विचार और अमल जरूरी है।


📝 अन्य प्रस्तुतियाँ और मुद्दे:

🔹 रामेश्वर प्रसाद चौधरी (युवा प्रदेश अध्यक्ष)

  • सरसों व चना खरीद में 1 से 5 किलो अतिरिक्त तुलाई के कारण किसानों को हुए ₹30.29 करोड़ के नुकसान का विशेष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

🔹 बत्ती लाल बैरवा (प्रदेश मंत्री)

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की व्यावहारिक विसंगतियों पर विस्तृत रिपोर्ट आयोग को सौंपी।

🔹 भोपाल सिंह चौधरी (उत्तराखंड अध्यक्ष)

  • बेसहारा पशु और बंदरों द्वारा फसल क्षति की रोकथाम के लिए ठोस रणनीति की मांग की।

🔹 राजेश धाकड़ (मध्य प्रदेश अध्यक्ष)

  • ज़ायद की मूंग फसल की खरीद नहीं होने से किसानों को हो रहे नुकसान पर चिंता व्यक्त की।

  • भविष्य में MSP घोषणा के बाद आंदोलनों की आवश्यकता समाप्त करने हेतु स्थायी व्यवस्था की मांग।


🤝 अन्य संगठनों की भागीदारी:

इस बैठक में ऑल इंडिया किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक), भारतीय किसान संघ, सीफा, पीजेंट फार्मर एसोसिएशन, बीकेयू हरियाणा जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रमुख वक्ताओं में धर्मेंद्र मलिक, अशोक बालियान, अक्षांश पंडित, बिपिन चंद्र पटेल, और सेवा सिंह आर्य सम्मिलित रहे।


📣 आयोग की प्रतिक्रिया:

डॉ. विजय पॉल शर्मा ने किसानों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आयातित तिलहन व दलहन की बढ़ती निर्भरता और घटती उत्पादकता चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए कृषि लागत कम करने के सुझावों का स्वागत किया जाएगा।

संचालन आयोग के सदस्य सचिव सिरियक जॉर्ज ने किया, जबकि गैर सरकारी सदस्य रतनलाल डांगा ने स्वागत भाषण दिया। आयोग के उपनिदेशक स्तर तक के सभी अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

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