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    दलित संगठनों के प्रस्तावित भारत बंद के साथ बसपा क्यूं आई, सुप्रीम कोर्ट के किस फैसले का कर रहे विरोध

    नई दिल्ली। दलित संगठनों की ओर से 21 अगस्त के प्रस्तावित भारत बंद को अब बहुजन समाज पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। दलित संगठनों की ओर से भारत बंद का आहृवान सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर दिए फैसले के विरोध में किया गया है। इस निर्णय के खिलाफ दलित संगठनों ने अब देशव्यापी मोर्चा खोलने की बात कही। बसपा की ओर से सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं को भारत बंद में शामिल होने को कहा गया है।

    उप वर्गीकरण के फैसले का बसपा ने किया विरोध

    उत्तर प्रदेश में बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण के फैसले का विरोध किया है। प्रस्तावित भारत बंद के दौरान प्रदेश में हिंसा भड़कने की आशंका को लेकर इंटेलिजेंस की ओर से दिए इनपुट दिए जाने पर पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश के समस्त कमिश्नर, आईजी, डीएम और एसपी के साथ बैठक की है।

    यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

    पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में अनुसूचित जाति और एससी-एसटी में उपवर्ग बनाने का अधिकार राज्यों को दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के लिए कहा है

    भारत बंद के समर्थन में बसपा सुप्रीमो आई 

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बसपा सुप्रीमो मायावती सहित अन्य नेताओं ने खुलकर विरोध किया है। शीर्ष कोर्ट के इस फैसले को लेकर भारत बंद का आव्हान किया गया है। 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद के समर्थन में बसपा सुप्रीमो भी खुलकर सामने आ गई है। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा समेत अन्य पार्टी के नेताओं को पोस्ट किया है।

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