राजगढ़। जन-जन की आस्था के प्रतीक भगवान जगन्नाथ महाराज की ऐतिहासिक रथ यात्रा शुक्रवार रात उत्साह और भक्ति भाव के वातावरण में चौपड़ मंदिर से गंगा बाग मंदिर के लिए रवाना हुई। इस दौरान दूल्हे रूप में सजे भगवान जगन्नाथ की मनमोहक छवि को देखने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भव्य रथ यात्रा की शुरुआत रात 8 बजे पूजा-अर्चना, महाआरती और सशस्त्र सलामी के साथ हुई। महंत पूरण दास एवं मदन मोहन शास्त्री के सान्निध्य में भगवान को इंद्र विमान स्वरूप रथ पर विराजित किया गया।
जयकारों, भजनों और शंखध्वनि के साथ जैसे ही रथ आगे बढ़ा, श्रद्धालुओं ने “जय जगन्नाथ” और “जय जगदीश हरे” के उद्घोष करते हुए हाथों से रथ को खींचना शुरू किया। पूरे मार्ग में रथ की सजावट विशेष आकर्षण रही – जयपुर के शाही वस्त्र, कोलकाता व सऊदी अरब से मंगाए इत्र और आकर्षक लाइटिंग ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
भक्ति का अद्भुत संगम: मार्ग में हुआ स्वागत
रथ यात्रा मार्ग में मुरली मनोहर मंदिर, हनुमान मंदिर, नवग्रह मंदिर और अवधूत दत्त आश्रम सहित अनेक मंदिरों में विधिवत पूजा-अर्चना व आरती कर भगवान का स्वागत किया गया। ‘हरे कृष्णा हरे राम’ सत्संग मंडली के भजन और श्रद्धालुओं के नृत्य ने माहौल को जीवंत बना दिया। देर रात गंगा बाग पहुंचने पर वधू पक्ष की ओर से महंत प्रकाश दास महाराज ने भगवान की आरती उतारकर अगवानी की।
सेवा भाव भी दिखा प्रमुख
समाजसेवी संगठनों और श्रद्धालु परिवारों की ओर से मार्ग में कई स्थानों – काकवाड़ी बाजार, गोल मार्केट, मेला चौराहा आदि पर पकौड़ी, जलेबी, मालपुआ, ठंडाई और शरबत आदि का वितरण किया गया। श्रद्धालु महिला-पुरुषों ने इस सेवा का लाभ उठाया।
इंद्रदेव की कृपा से वर्षा, परंपरा बनी चर्चा का विषय
रथ यात्रा से पूर्व शुक्रवार प्रातः हुई बारिश को लोगों ने परंपरा से जोड़ा। मान्यता है कि जिस दिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है, उस दिन इंद्र देव मार्ग की सफाई हेतु वर्षा करते हैं। इस बार भी यह परंपरा निभी।
प्रशासन रहा सतर्क, व्यवस्था रही चाक-चौबंद
रथ यात्रा के सफल संचालन हेतु उपखंड अधिकारी हरकेश मीणा, डीएसपी मनीषा मीणा, थाना प्रभारी राजेश मीणा सहित अन्य थाना प्रभारियों व पुलिस बल की मौजूदगी रही। मंदिर समिति, मेला कमेटी अध्यक्ष महेंद्र तिवाड़ी व अन्य ने प्रशासन का अभिनंदन किया।
शुरू हुआ सात दिवसीय मेला, प्रमुख आयोजन निर्धारित
रथ यात्रा के साथ गंगा बाग परिसर में सात दिवसीय मेले की शुरुआत भी हो गई।
- 28 से 30 जून: गंगा बाग मेला
- 1 जुलाई: भगवान जगन्नाथ–जानकी वरमाला महोत्सव (रात्रि 8 बजे)
- 2 व 3 जुलाई: भराबह्र मेला
- 4 जुलाई: भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा चौपड़ मंदिर के लिए निर्धारित