लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 127 और दलों का अस्तित्व खतरे में है। यह वह दल हैं, जिन्होंने पिछले 6 सालों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव तो लड़ा लेकिन खर्च का ब्योरा नहीं दिया है। आयोग ने इन सभी दलों को नोटिस जारी कर शुक्रवार वार तक लिखित रूप से अपना पक्ष एवं दस्तावेज मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करवाने को कहा था।

इसके बाद अब 6 से 9 अक्टूबर तक इन दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित रहकर व्यक्तिगत सुनवाई का भी मौका दिया जाएगा। दलवार शेड्यूल तय कर दिया गया है। जवाब के आधार पर इसका भविष्य तय होगा। नोटिस पाने वाले 127 दलों में लोकदल, नागरिक एकता पार्टी, आजाद समाज पार्टी भी शामिल है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार विधानसभा चुनाव खत्म होने के 75 दिनों के भीतर और लोकसभा चुनाव खत्म होने के 90 दिनों के भीतर निर्वाचन व्यय का ब्यौरा दिया जाना अनिवार्य है। लेकिन, इन दलों ने पिछले 3 वित्तीय वर्षों के सालाना ऑडिटेड का विवरण आयोग को उपलब्ध नहीं कराया था।
लखनऊ के इन दलों को नोटिस
अखंड राष्ट्रवादी पार्टी, आल इंडिया राजीव कांग्रेस पार्टी, एकलव्य समाज पार्टी, किशोर राज पार्टी, लोकदल, लोकगठबंधन पार्टी, मानवतावादी क्रांति दल, मनुवादी पार्टी, नागरिक एकता पार्टी, नैतिक पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), राष्ट्रवादी श्रमजीवी दल, राष्ट्रवादी क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय मतदाता पार्टी, राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी, सबका दल यूनाइटेड, समाज सेवक पार्टी, सर्वोदय भारत पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), यूपी रिपब्लिकन पार्टी।


