छत्तीसगढ़ में धान का ‘ढेर’: 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण बाकी, सरकार पर बढ़ा दबाव!

छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ में अतिशेष धान का निराकरण अभी तक नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि अभी भी 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण होना बाकी है। इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति लगातार बैठकें कर प्रयास कर रही है। इसके तहत गुरुवार को मंत्रालय में खाद मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई।

मंत्रिमंडलीय उप समिति कर रही प्रयास

इसमें कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। चावल जमा करने में हो रही देरी को देखते हुए समिति राइस मिलर्स को 5 जुलाई तक का समय दिया है। बैठक में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। भारत सरकार एवं नागरिक आपूर्ति निगम से प्राप्त चावल उपार्जन लक्ष्य के अतिरिक्त लगभग 35 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के निराकरण के लिए ई-नीलामी करने का फैसला लिया गया था।

इसमें से लगभग 18.91 लाख मीट्रिक टन धान की नीलामी हो सकी है। वर्तमान में लगभग 12.57 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष है। त्वरित उठाव सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला विपणन अधिकारियों एवं संग्रहण केंद्र प्रभारियों को आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए हैं। संग्रहण केंद्रों में वाहनों की आवाजाही सुगम करने एवं हमालों की संया बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे धान का उठाव तेजी से हो और क्रेताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

निविदाकारों को राहत

बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे निविदाकार जिनके द्वारा ईऑक्शन प्लेटफॉर्म में प्राइस मेचिंग के दौरान निर्धारित समय-सीमा में सुरक्षा निधि जमा नहीं किया, उन्हें अब 15 जुलाई 2025 तक का समय दिया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा हेतु शेष मात्रा के जमा करने की अवधि को बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 कर दिया गया है। प्रदेश के राइस मिलरों में शासन द्वारा लिए गए इन निर्णयों के प्रति उत्साह देखा गया है।

केंद्र से ज्यादा चावल लेने का अनुरोध

बैठक में बताया गया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंटकर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में से केंद्रीय पूल में चावल जमा करने का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया है।

इस पर भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के हित में सकारात्मक विचार करने का आश्वासन प्रदान किया गया है। बैठक में मंत्री रामविचार नेताम, मंत्री केदार कश्यप, मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री टंकराम वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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