जवाली, पठानकोट-मंडी फोरलेन को पूरी गुणवत्ता के साथ बनाने के भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन कहीं न कहीं इस निर्माण पर सवालिया निशान लग रहे हैं। बारिश की फुहारों से ही फोरलेन के किनारे की गई पहाडिय़ों की कटिंग का मलबा खिसक कर गिर रहा है। कोटला के नजदीक त्रिलोकपुर सुरंग के बाहर पहाड़ी से भारी भरकम मलबा गिर गया, जिस कारण सुरंग के एक तरफ वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। हालांकि कंपनी की पोकलेन मलबे को हटाने में जुट गई, परंतु जितना मलबा हटाया जाता रहा, उतना ही मलबा ऊपर से गिरता रहा।
शुक्रवार को भी मलबा गिरने का क्रम जारी रहा, जिस कारण सुरंग बहाल नहीं हो पाई। लोगों ने कहा कि नियमों को दरकिनार कर पहाड़ों को 45 डिग्री में काटने की बजाए 90 डिग्री में काटा गया है, जिस कारण सीधे पहाड़ एकदम से खिसक रहे हैं। ऐसे तरीके से पहाड़ों की कटिंग करने से अगर बारिश होने पर पहाड़ी का मलबा खिसक कर नीचे आता है और सडक़ से गुजर रहे वाहन पर गिरता है, तो कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। अचानक से हजारों टन मलबा खिसक आता है। लोगों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मांग की है कि इस फोरलेन का निरीक्षण किया जाए तथा नियमों को ताक पर रखकर कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।