मुंबई। मुंबई के वडाला इलाके में एक निर्माण परियोजना के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई का स्थानीय निवासियों ने विरोध किया है। इलाके के एक रिहायशी परिसर में 48 पुराने और घने पेड़ों को काटा गया, जिससे वहां हर साल आने वाले सैकड़ों पक्षियों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हो गया है।
रिपोर्ट की मानें तो स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पेड़ न केवल हरियाली और छांव के स्रोत थे, बल्कि हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी और स्थानीय पक्षी, विशेषकर बगुले (एग्रेट्स), इन पेड़ों पर आते थे। पेड़ वâटने के कारण उनका बसेरा खत्म हो गया है और अब बहुत कम पक्षी ही दिखाई दे रहे हैं। निवासियों ने मनपा को पत्र लिखकर मांग की है कि पेड़ काटने की प्रक्रिया तुरंत रोकी जाए और यह जांच की जाए कि क्या विकासकर्ता को सही प्रक्रिया के तहत अनुमति दी गई थी। साथ ही उन्होंने अपील की है कि जो पेड़ अब भी बचे हैं, उन्हें बचाया जाए।
वहीं मनपा की ओर से जवाब मिला है कि सभी पेड़ निर्धारित अनुमति के अनुसार ही काटे जा रहे हैं और शिकायत के बाद अधिकारियों ने स्थल का दोबारा निरीक्षण किया है। मनपा के अनुसार, हर पेड़ की उम्र, प्रजाति और संख्या का पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि वृक्ष प्राधिकरण की ओर से 1937 नए पेड़ लगाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अब तक नए पौधे लगाने की कोई शुरुआत नहीं हुई है। उन्होंने इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा की जा सके।