सरिस्का में बाघिन एसटी-2 “राजमाता” के स्मारक का वन राज्यमंत्री ने किया अनावरण, संरक्षण की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध

Aravalli revival and target of planting 10 crore saplings
Aravalli revival and target of planting 10 crore saplings

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण को मिल रही नई गति, अरावली पुनरुद्धार और 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य


अलवर | 
राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने शुक्रवार को सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघिन एसटी-2 “राजमाता” के स्मारक का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने सरिस्का दिवस पर जिलेवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि बाघिन राजमाता का सरिस्का के पुनरुद्धार में विशेष योगदान रहा है।

राज्यमंत्री  शर्मा ने कहा कि यह स्मारक न केवल बाघिन एसटी-2 को श्रद्धांजलि है, बल्कि आने वाले पर्यटकों को उसके योगदान से रूबरू कराने का भी माध्यम बनेगा। “यह प्रतिमा शावकों के साथ बाघिन की याद को चिरस्थायी बनाए रखेगी,” उन्होंने कहा। उउन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार वन, पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ा है, जिसे संतुलित करने के लिए केंद्र व राज्य मिलकर काम कर रहे हैं।

 अरावली संरक्षण और पौधारोपण पर विशेष जोर
राज्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय वन मंत्री  भूपेंद्र यादव के प्रयासों से चार राज्यों में फैली अरावली पर्वतमाला के पुनरुद्धार का कार्य चल रहा है। इससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि नदियों का पुनर्जीवन भी संभव हो सकेगा।“एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पिछले वर्ष साढ़े 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जबकि इस वर्ष 10 करोड़ पौधों का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष इस कार्य की सराहना स्वयं प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में की थी।

 वन क्षेत्र विकास और विस्थापन राहत योजनाएं
उन्होंने बताया कि टहला से राजौरगढ़ सड़क निर्माण कार्य को केंद्र और राज्य के वन विभाग से अनुमति मिल चुकी है। साथ ही, मुख्यमंत्री द्वारा बजट में घोषित प्रस्तावों के अनुसार वन क्षेत्रों से विस्थापित परिवारों के लिए राहत योजनाएं भी शुरू की जा रही हैं।

 उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस मौके पर थानागाजी विधायक कान्ति प्रसाद मीणा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक श्रीमती शिखा मेहरा, अतिरिक्त प्रतिपालक  राजेश गुप्ता, सरिस्का क्षेत्रीय संरक्षक  संग्राम सिंह कटिहार, डीएफओ  अभिमन्यु सिंह,  महावीर सिंह,  हरिशंकर खंडेलवाल,  रोहताश घांघल, श्रीमती प्रियंका शर्मा,  सतीश यादव, भूपेंद्र सैनी,  जितेंद्र राठौड़ और  अरुण जैन सहित कई वन अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

इससे पहले  शर्मा ने शनिवार को रोटरी क्लब अलवर फोर्ट द्वारा जल संचय संकल्प अभियान के अंतर्गत आदर्श विद्या मंदिर स्कूल स्कीम 4 में भामाशाह श्री गोपी साधवानी के सहयोग से निर्मित वाटर हार्वेस्टिंग कार्य का शुभारम्भ किया। कहा कि बूंद-बूंद जल का संरक्षण आज के समय की महत्ती आवश्यकता है, इस दिशा में शहर में जल संरक्षण हेतु रोटरी क्लब अलवर फोर्ट द्वारा पिछले 8 वर्षों से उल्लेखनीय कार्य किए जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों के दोहन से प्रकृति में असंतुलन उत्पन्न हो गया है, जिसकी वजह से पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की पहल और केंद्रीय वन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के प्रयासों से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चार राज्यों में फैली अरावली पर्वत श्रंखला का संरक्षण कर उसे हराभरा बनाने का कार्य किया जा रहा है, इससे अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली नदियां भी पुनर्जीवित होगीं।
श्री शर्मा ने अलवर शहर में जल संरक्षण के लिए किया जा रहे कार्यों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के विशेष सहयोग से नटनी के बारां से जयसमंद बांध तक 40 करोड रुपए की लागत से नहर का पुनरुद्धार कार्य एवं 8 करोड रुपए की लागत से भाखेड़ा एनीकट का जीर्णोद्धार कार्य किया जाएगा, जिससे बढी मात्रा में वर्षा जल को संरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाला किला क्षेत्र में तोपवाले हनुमान जी के पास नगर विकास न्यास द्वारा 27.50 लाख रुपए की लागत से माटिया कुंड तथा लगभग 10 करोड रुपए की लागत से प्रतापबंध के पास जोहड़ी, भुरासिद्ध में एनीकट एवं अखैपुरा में जरख वाला नाला पर एनीकट निर्माण का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुदनपुरी के जोहड का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है, साथ ही लड्डूखास की बगीची को अतिक्रमण मुक्त कर नगर निगम के माध्यम से निर्मित जोहड में पहली वर्षा में पानी की आवक भी हुई है। हमारा प्रयास है कि शहर के आसपास के सभी जोहड, पोखर व बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण का कार्य करें, वहीं विजयनगर व बुद्ध विहार आदि क्षेत्रों में भी पुराने कुओं में यूआईटी के माध्यम से जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के विशेष सहयोग से गत बजट में स्वीकृत 5 करोड़ की राशि से 35 ट्यूबवेल आवंटित हुए तथा इसके अतिरिक्त जलदाय विभाग मंत्री श्री कन्हैयालाल चौधरी के सहयोग से 71 नए ट्यूबवेल एवं 82 ड्राई ट्यूबवेल को पुन: गहरा करने के लिए बजट का आवंटन किया गया, जिससे शहर में पानी की समस्या से काफी हद तक निजात मिली। उन्होंने कहा कि अलवर को स्वच्छ और श्रेष्ठ अलवर बनाना हमारा संकल्प है।

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