अलवर. आरजीएचएस योजना में अलवर जिले में डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने मिलकर करोड़ों रुपए का घोटाला कर डाला। जांच के दौरान अकेले अलवर जिले में दो से तीन करोड़ रुपए का घोटाला इस योजना में सामने आया है। सीएमएचओ ने घोटाले में शामिल 11 डॉक्टर्स को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। खास बात यह कि इस घोटाले में एक ही जगह के सात चिकित्सक दोषी पाए गए हैं। योजना में डॉक्टर्स ने मेडिकल स्टोर्स संचालकों से मिलकर बिना मर्ज एवं बिना किसी जांच के मरीजों को महंगी दवाएं लिख करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया।
अलवर सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि आरजीएचएस योजना की जांच पूर्व में कराई गई थी। इनमें अलवर शहर की दो पीएचसी पहाड़गंज एवं शिवाजीपार्क और सीएचसी राजगढ़ व रामगढ़ के चिकित्सक शामिल हैं। इस जांच में पाया गया कि मेडिकल स्टोर संचालकों की ओर से बिना दवा खरीद के बिल दिए गए। वहीं इस योजना की सरकार की ओर से जांच कराई गई, इसमें पाया गया कि डॉक्टर्स के द्वारा मरीज की जांच कराए बिना ही रोग की दवाएं लिखी गई, साथ ही दवाओं के बिल का भुगतान भी काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि कुछ चिकित्सकों द्वारा ऐसी दवाएं भी लिखी गई, जिसकी मरीजों में बीमारी ही नहीं थी। जांच रिपोर्ट सामने आने पर इन सभी चिकित्सकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राजगढ़ के सात डॉक्टर घोटाले में शामिल
सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि राजगढ़ सीएचसी के सात डॉक्टर इस योजना की जांच में दोषी मिले हैं, वहीं रामगढ़ सीएचसी के दो या तीन चिकित्सक दोषी पाए गए हैं। अलवर शहर की पहाड़गंज पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी दोषी पाए गए हैं। उन्होंने जारी नोटिस में सम्बन्धित डॉक्टर्स से पूछा गया है कि मरीजों को किस आधार पर दवाएं लिखी गई हैं और रोगियों की जांच क्यों नहीं कराई गई।
दवा नियंत्रक अधिकारी को जांच के निर्देश
सीएमएचओ ने बताया कि दवा नियंत्रक अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी मेडिकल स्टोर ने डॉक्टर्स की जैनेरिक दवाओं को बदलकर एथिकल दवाएं दी हैं तो इसके पीछे क्या कारण रहे। उन्हें निर्देशित किया गया है कि जांच के दौरान यदि मेडिकल स्टोर की अनियमितता पाई जाती है तो उनके खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने या फार्मास्टिट के खिलाफ कार्रवाई करें, जिससे इस मामले की जांच कर जयपुर भिजवाया जा सके।
बिन मर्ज ही लिखी मरीजों को दवा
आरजीएचएस योजना की जांच में सामने आया कि डॉक्टर्स ने कुछ मरीजों को ऐसी दवाएं लिखी, जिस बीमारी के उनमें लक्षण नहीं थे, जैसे जो डायबिटिक नहीं, उन्हें शुगर की दवा लिखी गई, जिन मरीजों की आंखे स्वस्थ हैं, उन्हें आई डोप लिखी गई, बिना जांच कराए हार्ट फैल्योर की दवाएं लिखी गई, मरीजों को एलर्जी के लक्षण नहीं होने के बाद भी एलर्जी की दवाएं लिखी गई। वहीं गर्भवती महिलाओं को बांझपन की दवाएं दी गई।
11 डॉक्टर्स को जारी किए नोटिस
राजगढ़ सीएचसी के डॉ. जितेन्द्र मीना, डॉ. गोविंद सहाय, डॉ. दिनेश जैन, डॉ. एसपी मीना, डॉ. मीना, डॉ. सिदधार्थ, डॉ. कमलेश एवं पीएचसी पहाड़गंज अलवर के डॉ. सुधांशु, शिवाजी पार्क अलवर पीएचसी के डॉ. रतनलाल तथा रामगढ़ सीएचसी के डॉ. विश्वेन्द्र एवं डॉ. बाबूलाल को नोटिस कर सात दिवस में स्पष्टीकरण मांगा है।