तिरुवनंतपुरम: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज पवित्र सबरीमला श्री धर्म संस्था मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचने वाली हैं. केरल के उनके चार दिवसीय दौरे के तहत इस ऐतिहासिक यात्रा को प्राचीन परंपराओं के प्रति श्रद्धा और महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक समानता के एक सशक्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है.
भगवान अयप्पा के पवित्र पहाड़ी मंदिर की राष्ट्रपति की तीर्थयात्रा की योजना सुरक्षा प्रोटोकॉल और मंदिर की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक बनाई गई है. उनका सुबह 9:35 बजे तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान करने और निलक्कल स्थित आधार शिविर पर उतरने का कार्यक्रम है.
निलक्कल से राष्ट्रपति सड़क मार्ग से पंबा जाएँगी. परंपरा के अनुसार वह पम्पा गणपति मंदिर में पवित्र 'इरुमुदी केट्टू' (प्रसाद की पोटली) भरेंगी. सामान्य पैदल यात्रा पथ से हटकर राष्ट्रपति मुर्मू को स्वामी अय्यप्पन मार्ग से एक विशेष गोरखा जीप में सवार होकर, पारंपरिक वाहनों के काफिले से बचते हुए, सन्निधानम (गर्भगृह) ले जाया जाएगा. उनका लगभग 11:50 बजे दर्शन करने की उम्मीद है.
दर्शन और थोड़े विश्राम के बाद देवस्वोम गेस्ट हाउस में दोपहर के भोजन के बाद राष्ट्रपति अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगी. इस बीच लगभग 3:00 बजे पंबा के लिए प्रस्थान करेंगी. इसके बाद वह सड़क मार्ग से निलक्कल वापस जाएँगी और फिर शाम 4:20 बजे हेलीकॉप्टर से तिरुवनंतपुरम वापस जाएँगी.
राष्ट्रपति की यात्रा के लिए सबरीमाला और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है. विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) केरल पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. सुरक्षा के लिए भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
वहीं मंदिर अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा. त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारी मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) के साथ मंदिर की रीति-रिवाजों के अनुसार राष्ट्रपति की अगवानी के लिए मौजूद रहेंगे.
चार दिवसीय केरल यात्रा कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
राष्ट्रपति मुर्मू का केरल दौरा सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व के कार्यक्रमों से भरपूर है. सबरीमाला से लौटने पर वह तिरुवनंतपुरम स्थित राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा आयोजित एक विशेष रात्रिभोज में शामिल होंगी.
23 अक्टूबर को राष्ट्रपति सुबह 10:30 बजे राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन – केरल के पहले राष्ट्रपति – की प्रतिमा का अनावरण करेंगी. इस कार्यक्रम में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के प्रमुख नेता शामिल होंगे. इसके बाद वह दोपहर 12:50 बजे मुख्य अतिथि के रूप में शिवगिरी में श्री नारायण गुरु महासमाधि शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए वर्कला जाएँगी.
इस दिन का समापन शाम 4:15 बजे सेंट थॉमस कॉलेज, पाला के प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन के साथ होगा, जिसके बाद वह कुमारकोम के एक रिसॉर्ट में रात्रि विश्राम करेंगी. यह दौरा 24 अक्टूबर को समाप्त होगा. राष्ट्रपति मुर्मू कोच्चि स्थित सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगी.
बोलगट्टी पैलेस में दोपहर के भोजन के बाद वह कोच्चि नौसेना बेस से नेदुम्बस्सेरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करेंगी और शाम 4:05 बजे नई दिल्ली वापस लौट जाएँगी. इस प्रकार उनकी चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा संपन्न होगी.